अंगारों से निकलने को तप पर बैठा फालैन का पंडा
धधकती होलिका से निकलने के लिए प्रहलाद नगरी फालैन में बाबूलाल पंडा मंगलवार को विधिवत पूजा अर्चना के बाद तप पर बैठ गया। बेहद कठोर नियमों का पालन करते हुए एक माह तक पंडा घर नहीं जाएंगे। वह मंदिर पर रहकर अन का त्याग कर तप करेगा। होलिका वाले दिन लग्न के अनुसार पंडा धधंकती होलिका से होकर गुजरेगा।
संवादसूत्र, कोसीकलां: मंगलवार को उड़ते गुलाल के बीच प्रह्लादजी के जयघोष से गांव फालैन गुंजायमन हो उठा। होलिका दहन स्थल का पूजा-अर्चना की गई और इसके साथ ही 42 वर्षीय बाबूलाल पंडा एक माह की साधना पर बैठ गया। 20 मार्च को बाबू लाल धधकती होली के बीच से निकलेगा। इस क्षण के गवाह बनाने के लिए हजारों लोग फालैन गांव पहुंचेंगे। भक्त प्रह्लादजी जलती होलिका से बच निकले थे। उसकी युग को साक्षत करने के लिए हर साल गांव फालैन का पंडा बाबूलाल होली के धधकते अंगारों के बीच से गुजरते हैं। इससे पहले एक महीने तक साधना भी करेंगे। इसकी मंगलवार से शुरूआत कर दी। साधना पर बैठने से पहले बाबूलाल पंडा ने ग्रामीणों के साथ गांव की परिक्रमा लगाई और प्रहलाद कुंड पर मंदिर के पास होलिका स्थल की पूजा की। आचार्य पंडित भगवान सहाय ने मंत्रोच्चार कर पूजन कराया। होलिका रखी गई। पंडा को भक्त प्रह्लादजी की माला सौंप तप के नियम बताए। बाबूलाल पंडा इस बार सातवीं बार जलती होली के बीच से निकलेगा। ऐसे होगी साधना
--बाबूलाल पंडा एक माह अपने घर नहीं जाएंगे।
--ब्रह्माचर्य का पालन करेंगे।
---अन्न का सेवन न कर फलाहार ही लेंगे।
--एक माह तक वे धरती पर ही शयन करेगा।