खुर्शीद की पाठशाला में अपराधी बना था हारुन
जागरण संवाददाता, मथुरा: स्वाट के सहयोग से सदर पुलिस के हत्थे चढ़ा हारुन मेव विशंभरा में अपराध के बीज
जागरण संवाददाता, मथुरा: स्वाट के सहयोग से सदर पुलिस के हत्थे चढ़ा हारुन मेव विशंभरा में अपराध के बीज बोने वाले खुर्शीद टकला का साथी रहा है। जेल की हवा खा रहा कुख्यात शाहून और उसका दुश्मन हारुन भी इसी खानदान से ताल्लुकात रखते हैं। पुलिस के रडार पर हारुन एक महीने पहले ही आ गया था।
विशंभरा में अपराध की पाठशाला खुर्शीद टकला ने खोली थी। उसने अपने भाई हक्कू को भी शामिल कर लिया था। दोनों ने मिलकर विशंभरा में शाहून, सल्ली, आशू, शेरखां समेत दो दर्जन से अधिक कुख्यात अपराधी भी तैयार किए थे। लूट के माल के बंटवारे को लेकर खुर्शीद टकला के चेलों में दुश्मनी पनप गई। खुर्शीद टकला और उसके भाई को शाहून मेव ने अपने साथियों के साथ मिलकर मौत के घाट उतार दिया। उसके बाद खुर्शीद टकला गैंग के ही हारुन पुत्र मजल मेव ने विशंभरा से दूरी बना ली थी। वह जानता था कि कोई न कोई गैंग एक दिन उसको भी मौत के घाट उतार देगा।
हारुन ने पहला अपराध वर्ष 1995 में किया था। खुर्शीद टकला की ससुराल पुन्हाना, हरियाणा में है। खुर्शीद टकला की हरकतों के कारण उसकी पत्नी अपने मायके चली गई। मायके वाले उसे विशंभरा नहीं भेज रहे थे। उसको जबरन लेने के लिए खुर्शीद टकला, हक्कू और हारुन अपने गैंग के साथ पुन्हाना पहुंच गए थे। खुर्शीद टकला की पत्नी को उसके पिता ने भेजने से इन्कार किया तो खुर्शीद ने हारुन के साथ मिलकर ससुराल में फाय¨रग कर दी। इसमें उसका ससुर मारा गया। इसके बाद हारुन मेव, खुर्शीद टकला के इशारे पर एक के बाद एक लूट करता चला गया। हत्या, डकैती, अपहरण की उसने एक दर्जन से अधिक वारदात कीं। पुलिस ने उसको पकड़ लिया था, लेकिन वह पेशी के लिए कचहरी पर आया और अपने साथियों के साथ पुलिस अभिरक्षा से 19 साल पहले भाग निकला। स्वाट के निशाने पर हारुन एक महीने पहले ही आ गया था। स्वाट को खबर मिली थी कि हारुन अपने गेहूं की कटाई कराने के लिए विशंभरा आ रहा है। इसके बाद स्वाट ने निगरानी शुरू कर दी। इधर गेहूं की फसल पक कर कटने के लिए तैयार हो गई। हारुन भी फसल काटने के लिए आ गया। उसके विशंभरा में दाखिल होते ही स्वाट ने डेरा डाल दिया। शातिर को इसकी भनक लग गई कि वह पुलिस के जाल में फंस गया है। उसने पुलिस से बचने की कोशिश की। विशंभरा में निगरानी कर रही पुलिस को चकमा देकर, वह अपने बचाव के लिए अधिवक्ताओं से मिलने के लिए निकल आया। उसके निकलने की खबर स्वाट को मिल गई और वह उसका पीछा करते हुए कचहरी तक आ गई। शातिर कचहरी से निकलकर गोकुल बैराज पहुंचा ही था कि स्वाट भी उसके पीछे लग गई और सदर बाजार पुलिस को भी इत्तिला कर दी। पुलिस ने घेराबंदी कर हारुन को दबोच लिया। ------------------------- टीम में ये रहे शामिल:
हारुन को गिरफ्तार करने वाली टीम में थाना सदर बाजार प्रभारी निरीक्षक संतोष त्यागी, स्वाट प्रभारी हरवेंद्र मिश्रा, एसआई सुल्तान ¨सह, प्रदीप कुमार, राकेश कुमार, कांस्टेबिल वसीम अकरम, नितिन कुमार, अवनीश कुमार, रोहित कुमार, अभिजीत ¨सह, हरवीर, प्रमोद कुमार, सुदेश आदि शामिल थे।