छाता शुगर मिल को चालू कराने के हाईकोर्ट ने दिए आदेश
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दिलीप बी. भौंसले व जस्टिस यशवंत वर्मा की पीठ ने शासन को आदेश दिया है कि छाता शुगर मील किसानों से जुड़ा गंभीर मुद्दा है। राज्य सरकार व निगम के प्रबंध निदेशक मील को चलाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। अगर आवश्यक हो तो पुराने सयंत्र को हटाकर फिर से नई मील तय समय में उसी स्थान पर स्थापित की जाए।
संवादसूत्र, कोसीकलां: हाईकोर्ट ने यूपी स्टेट शुगर कॉरपोरेशन के मैने¨जग डायरेक्टर और शासन को छाता शुगर मिल को चालू करने के आदेश दिए हैं। राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ (ब्रज प्रांत) के अध्यक्ष की जनहित याचिका पर हाईकोर्ट उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दिलीप बी. भौंसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की पीठ ने यह फैसला दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर पुरानी मिल चालू नहीं हो सकती है तो उसी स्थान पर नई मिल स्थापित की जाए।
साढ़े तीन सौ करोड़ रुपये से छाता शुगर मिल को चालू कराने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की थी। एक तरफ शुगर मिल चालू करने के लिए डीपीआर बनाई जा रही थी और दूसरी तरफ गन्ना विभाग किसानों को गन्ना की खेती के लिए तैयार करने में लग गया। गन्ना का रकबा क्षेत्र में नहीं बढ़ सका और सरकार ने इसी को आधार बनाकर शुगर मिल को चालू किए जाने से अपने हाथ पीछे खींच लिए। सरकार के निर्णय की जानकारी मिलने के बाद किसानों ने आंदोलन शुरू कर दिए। धरना, प्रदर्शन किया गया। राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ (ब्रज प्रांत) के अध्यक्ष दीपक चौधरी ने शुगर मिल को चालू किए जाने की मांग को लेकर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर दी। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दिलीप बी. भौंसले व न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने याचिका पर सुनवाई करने के बाद 30 जुलाई 2018 को उप्र राज्य चीनी निगम के प्रबंध निदेशक और राज्य सरकार को छाता शुगर मिल चालू किए जाने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने यह भी कहा है कि शुगर मिल को उसकी तय सीमा के अंदर ही शुरू करके अदालत को अवगत कराया जाए। याची दीपक चौधरी ने हाईकोर्ट के फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि शुगर मिल चालू होने से किसानों को लाभ मिलेगा और यहां के युवाओं को भी रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।