हड़ताल से हलकान रही जनता, 80 फीसद एटीएम हांफे
दो दिन में 600 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन नहीं हो पाया, एटीएम के चक्कर काटते रहे लोग
मथुरा, जासं। केंद्रीय श्रम संगठनों के आह्वान पर दो दिवसीय हड़ताल का पहला दिन तो जैसे तैसे गुजर गया, लेकिन दूसरा दिन कष्टदायक रहा। सबसे ज्यादा बैं¨कग और डाक सेवाएं प्रभावित होने से आई। नकद जमा-निकासी नहीं हो पाई। औसतन 80 फीसद एटीएम हांफने लगे। परेशान लोग यहां से वहां चक्कर लगाते दिखे।
बैंक, एलआइसी, आयकर, डाक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, विद्युत विभाग आदि के कर्मचारी दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे व धरना प्रदर्शन किया। सबसे ज्यादा असर बैं¨कग और डाक सेवाएं प्रभावित होने का पड़ा। हजारों चेक-ड्राफ्ट का भुगतान नहीं हो पाया। एनईएफटी, आरटीजीएस जैसे कार्य नहीं पाए। सूख चुके एटीएम में कैश लोड नहीं हो पाया। इधर, डाकघरों में डाक की डिलीवरी, स्पीड पोस्ट बु¨कग, आधार कार्ड, से¨वग स्कीम, चेक क्लीय¨रग जैसे काम नहीं हुए। कुल मिलाकर दो दिन में 600 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन नहीं हो पाया।
बैंकों में नई भर्ती शुरू हो: यूपीबीईयू के जिलाध्यक्ष केके पांडेय ने बैंकों में नई भर्ती, एनपीए वसूली के प्रयास किए जाने की मांग की। संयुक्त मंत्री जगमोहन शर्मा ने कहा बैं¨कग रिफॉर्म के नाम पर मजदूर विरोधी नीतियां लागू की जा रही हैं। ¨सडीकेट बैंक के एजीएस मुरारीलाल शर्मा ने कहा कि बैंकों के लाभ को बढ़ाने को ग्राहकों से तरह तरह के चार्जेज की वसूली बंद हो। हर्ष भाटिया, जितेंद्र शर्मा, प्रवीन, फैसल आदि मौजूद रहे। इधर, आंगनबाड़ी श्रमिक संघ, उप्र बिजली कर्मचारी संघ, मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण कर्मचारी संघ, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन, महिला फेडरेशन, किसान सभा, मोटर मैकेनिक यूनियन ने कचहरी पर सभा की। इसमें गफ्फार अब्बास एडवोकेट, राधा चौधरी, मुनेश कुमार, अब्दुल, प्रेम, वीरेंद्र ¨सह आदि ने विचार व्यक्त किए। बीते कुछ दिनों में कई बार बैंककर्मियों ने हड़ताल की है। इन्हें यह समझना चाहिए कि इससे लोग काफी ज्यादा परेशान होते हैं। ग्रामीण तबके के लोगों को ज्यादा दिक्कत होती है।
डॉ. अंशु अग्रवाल