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राधाकुंड के प्रदूषित जल से मिलेगा संतान का वरदान

21 अक्टूबर को अहोई अष्टमी पर निसंतान दंपती संतान के वरदान को लगाएंगे डुबकी प्रदूषित जल पर एनजीटी ने विप्रा से तलब की कार्रवाई रिपोर्ट

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Oct 2019 12:04 AM (IST)Updated: Thu, 17 Oct 2019 06:02 AM (IST)
राधाकुंड के प्रदूषित जल से मिलेगा संतान का वरदान
राधाकुंड के प्रदूषित जल से मिलेगा संतान का वरदान

रसिक शर्मा, गोवर्धन: भले ही एनजीटी के आदेश में राधाकुंड-श्यामकुंड के जल को आचमन योग्य नहीं माना गया है। लेकिन जल स्वरूपा राधारानी के दरबार में तमाम भक्त, सूनी गोद भरने को राधाकुंड में मन्नतों के गोते लगाकर संतान का वरदान मांगते नजर आएंगे। जबकि भरतपुर (राज) स्थित एमएसजे के पीजी कॉलेज के जूलॉजी विभाग द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार कुंड के पानी में टर्बिडिटी, क्षारीयता, कठोरता, सल्फेट्स और क्लोराइड जैसे भौतिक रासायनिक पैरामीटर निर्धारित सीमा से काफी ज्यादा हैं।

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राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में सुशील राघव ने याचिका दायर कर गोवर्धन परिक्रमा स्थित राधा और श्याम कुंड में सीवेज और घरेलू कचरे को रोकने के लिए सुधारात्मक कदम उठाने की मांग थी। उचित सीवरेज प्रणाली के अभाव में संचित सीवेज और घरेलू कचरे को राधा कुंड में डाला जा रहा है। दलील में कहा कि एसएन मेडिकल कॉलेज की रिपोर्ट के मुताबिक पानी पीने के लायक नहीं था। सूक्ष्म जैविक परीक्षणों में दोनों कुंडों के जल में जीवाणु संक्रमण हैजा की उपस्थिति पाई गई थी। जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने प्राधिकरण को निर्देश दिया है कि दोनों कुंडों के पानी की स्थिति में सुधार होने तक घाटों पर बोर्ड लगाएं, जिसमें जल पीने योग्य नहीं है लिखा हो। पीठ ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कुंडों के जल को प्रदूषित होने से रोकने और प्रदूषण को जिम्मेदारों पर जुर्माना लगाने के आदेश दिए हैं। अगली सुनवाई 23 दिसंबर को होगी। इस मामले में जिलाधिकारी सव‌र्ज्ञराम मिश्रा ने अनभिज्ञता जताई है। संतान के वरदान को मचलेंगी आस्था के समंदर में विश्वास की लहरें

गोवर्धन: जल स्वरूपा राधारानी का दरबार सात समंदर के आकर्षण को अपने आंगन में समेटेगा। चिकित्सा से निराश निसंतान दंपती यहां सूनी गोद भरने के लिए राधारानी के दरबार में आंचल फैलाते हैं। वर्ष दर वर्ष बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या मातृत्व सुख देने वाली किशोरीजू के आशीष को प्रमाणित करती नजर आती है। आंगन में किलकारियों को दंपती 21 अक्टूबर को राधाकुंड में आधी रात को विश्वास के गोते लगाएंगे। राधारानी के दरबार का आकर्षण भारत के विभिन्न प्रांतों से ही नहीं बल्कि सात समंदर पार से श्रद्धालुओं को ब्रजधरा ले आया है। यूं तो ब्रजधरा के आंगन में भक्ति की अविरल धारा अनवरत बहती रहती है। हालांकि इस बार भी यह दरबार भक्तों से सजा नजर आएगा। फल दान का भी है महत्व:

गोवर्धन: मान्यता के अनुसार संतान प्राप्ति के लिए आने वाले दंपती द्वारा अहोई अष्टमी पर राधाकुंड में स्नान के बाद कोई एक फल दान किया जाता है। दान करने के बाद उम्रभर इस फल का त्याग कर दिया जाता है। इसलिए ज्यादातर श्रद्धालु पेठा फल का दान करते है और जिदगी भर इसका उपयोग नहीं करते। इस फल के ढेर आपको जगह-जगह देखने को मिल जाएंगे। चप्पे-चप्पे पर रहेगी पुलिस की नजर

गोवर्धन: अहोई अष्टमी पर लगने वाले मेले के लिए पुलिस ने भी कमर कस ली है। एसडीएम राहुल यादव व सीओ वरुण सिंह के अनुसार मेला क्षेत्र में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की जाएगी। मेले के दौरान वह खुद मय पुलिस फोर्स के मौजूद रहेंगे।


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