तीन महीने में चार बैंकों से लिया था 36 बार गोल्ड लोन
मास्टरमाइंड ने बेटी के कारोबार में लगा दिए थे 20 लाख रुपये फर्जी टंच का प्रमाण पत्र देने वाले ने खरीदी कार और मोटरसाइकिल

जागरण संवाददाता, मथुरा: शहर की चार बैंकों से तीन महीने में ही 36 बार गोल्ड लोन लिया। गोल्डन लोन लेने से पहले मास्टरमाइंड से पहले इसकी प्रक्रिया असली सोना रखकर ली। पहले से सर्राफ का कार्य करने कारण मास्टरमाइंड ने अपने ही यहां नकली सोने के गहने तैयार किए और बैंकों से एक के बाद एक गोल्ड लोन लेता गया। जिन लोगों के नाम पर आरोपित ने लोन लिया। उस धनराशि में भी उसने बंटवारा कर लिया था।
शांति मार्केट और चौक बाजार स्थित कैनरा बैंक के रीजन मैनेजर रामवंत सिंह ढीढसा ने 20 दिसंबर 2021 को कोतवाली में नकली सोना गिरवी रखकर गोल्ड लेने की रिपोर्ट दर्ज कराई। इसमें हेमेंद्र प्रकाश, राजेश अग्रवाल, श्रेया अग्रवाल, नरेंद्र और रंजना वर्मा को नामजद कराया। पुलिस ने जांच के बाद राजेश अग्रवाल को दबोच लिया। सीओ सिटी अभिषेक तिवारी ने बताया, पूछताछ में राजेश अग्रवाल ने पुलिस को बताया, पहले उसने असली सोना रखकर गोल्ड लोन की पूरी प्रक्रिया का समझा। उसके बाद उसने अपने यहां नकली सोने के गहने तैयार किए। बैंक के रखे गए सोने का जब आडिट तो पता चला उसने यहां से 21 गोल्ड लोन स्वीकृत कराए थे, जो अलग-अलग नाम से हुए। भारतीय स्टेट बैंक की डैंपियर नगर और गोविद गंज शाखा से भी इसी तरह गोल्ड लोन लोन कराए गए। बैंक के अधिकृत देव टंच ज्वैलर्स सेठबाड़ा के नौकर धर्मेंद्र सोनी के साथ राजेश अग्रवाल ने साजिश रची थी। पूरे मामले की जांच की गई तो कुल मिलाकर फर्जी टंच का प्रमाण पत्र बनाकर उस पर विभिन्न बैंकों से 36 गोल्ड लोन तीन महीने के अंदर ही स्वीकृत करा लिए थे। जिन लोगों उसने गोल्ड लोन स्वीकृत कराए थे। उनसे भी कुछ धनराशि अपने खाते में ट्रांसफर करा ली थी। उसने धर्मेन्द्र उर्फ तोती को करीब 20 लाख रुपये दिए थे। इससे उसने आई-10 ग्रांड और एक अपाचे मोटरसाइकिल खरीद ली। शिशुपाल 25 लाख रुपये का मकान बनवा लिया। राजेश अग्रवाल ने करीब 20 लाख रुपये अपनी पुत्र श्रेया अग्रवाल के बुडन के आनलाइन कारोबार में लगा दिए।

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