गोवर्धन में अंतिम संस्कार को मिलेगा गोकाष्ठ, पेड़ रहेंगे सुरक्षित
गोवंश संवर्धन और पर्यावरण संरक्षण का अद्वितीय उदाहरण बनेगा गोवर्धन
गोवर्धन, रसिक शर्मा। गोवंश संवर्धन और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में गोवर्धन की धरा एक अद्वितीय उदाहरण पेश करेगी। अब अंतिम संस्कार में लकड़ी की बजाय गोकाष्ठ का प्रयोग हो सकेगा। गोवंश के गोबर से यह गोकाष्ठ तैयार किया जाएगा। इससे न सिर्फ पेड़ों को कटने से बचाया जाएगा बल्कि लकड़ी जलने के बाद निकलने वाली कार्बन डाई ऑक्साइड से निजात मिलेगी और ऑक्सीजन मिल सकेगी। गोवंश का भी संवर्धन बढ़ेगा तो पर्यावरण संरक्षण में भी यह प्रयोग मील का पत्थर साबित होगी। बुधवार को गोकाष्ठ बनाने की मशीन का विधिवत शुरुआत की गई।
दरअसल देशभर में खपत होने वाली लकड़ी बड़े अनुपात में केवल शवों के अंतिम संस्कार के लिए जला दी जाती है। इसके लिए करोड़ों पेड़ों को काट कर कई मीलियन टन लकड़ी प्रयुक्त होती है। शव के अंतिम संस्कार से पर्यावरण पर किसी तरह का कोई प्रतिकूल असर न पड़े, इसके लिए गाय के गोबर की लकड़ी (गोकाष्ठ) व कंडे अब बेहतर विकल्प बन गए हैं। जानकारों के मुताबिक एक गाय चौबीस घंटों में लगभग 8-10 किलो गोबर करती है। मशीन के जरिए 60 किलो गोबर से 15 किलो गोबर की लकड़ी तैयार हो जाती है।
एक शव की अंत्येष्टि में करीब तीन ¨क्वटल लकड़ी और 700 कंडे लगते हैं जबकि तीन ¨क्वटल गोकाष्ठ से ही अंतिम संस्कार किया जा सकता है। लकड़ी से शव के अंतिम संस्कार पर करीब पांच हजार रुपए औसतन खर्च होता है। वहीं, गोकाष्ठ का प्रयोग किया जाए तो लगभग तीन हजार रुपए खर्चा आता है। ऐसे में आर्थिक बचत तो होगी ही, साथ ही सालाना लाखों पेड़ों को कटने से बचाया जा सकता है।
गोकाष्ठ के शुभारंभ पर पहुंचे जिला पशु कल्याण अधिकारी, भारतीय जीव जंतु कल्याण प्रकोष्ठ डॉ हेमंत यादव ने कहाकि प्रदेश सरकारें स्थानीय निकायों के जरिए शवों के अंतिम संस्कार के लिए शमशान घरों में गोकाष्ठ के इस्तेमाल को लेकर निर्देशित करे तो न केवल गोशालाओं की आय बढ़ेगी बल्कि हजारों लोगों को भी इससे रोजगार मिल सकेगा। साथ ही सालाना लाखों को पेड़ों को कटने से बचाकर पर्यावरण प्रदूषण को रोका जा सकेगा। अंतिम संस्कार को निश्शुल्क गोकाष्ठ
गरीबों के अंतिम संस्कार को गिरि गोवर्धन सेवा समिति द्वारा निश्शुल्क ईंधन प्रदान किया जाता है। बुधवार को योजना के शुभारंभ के दौरान गौतम खंडेलवाल ने कहा कि गरीबों के लिए गोकाष्ठ निश्शुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। अपना घर के सचिव दान बिहारी मुखिया ने कहा कि गोकाष्ठ की मशीन गांव गांव में लगाने को प्रेरित किया जाएगा, जिससे गोवंश को बचाने के साथ प्राकृतिक सुंदरता भी बचेगी। गिरि गोवर्धन सेवा समिति के अध्यक्ष सुदीप शर्मा, जीआर शर्मा, श्रीकृष्ण सुदामा गोशाला एवं मयूर विहार के संचालक शिवदास सिन्हा, सुन्दर लाल दीक्षित, जयंती वर्मा आदि मौजूद रहे।