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पुष्प महल में सुबह खिचड़ी, शाम को तिल के लड्डू

आस्था और संक्रांति पर्व पर गुलजार रहे तलहटी के मंदिरगिरिराजजी को समर्पित फूल बंगला तिल और खिचड़ी भोग

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 06:21 AM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 06:21 AM (IST)
पुष्प महल में सुबह खिचड़ी, शाम को तिल के लड्डू
पुष्प महल में सुबह खिचड़ी, शाम को तिल के लड्डू

संवाद सूत्र, गोवर्धन (मथुरा): गोवर्धन तलहटी में मकर संक्रांति पर गिरिराजजी के मंदिरों में भक्ति के पुष्प मुस्कराते रहे। सुबह मानसीगंगा के घाट भक्तों से गुलजार रहे। प्रमुख मंदिरों में पुष्प महल में विराजे गिरिराजजी को सुबह खिचड़ी, शाम को तिल के लड्डू अर्पित किए गए।

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गुरुवार को मानसीगंगा पर सुबह से ही स्नान करने वाले भक्तों की भीड़ रही। प्रभु को सुबह मेवा युक्त खिचड़ी का भोग लगाया गया,शाम को विभिन्न पुष्पों से सुसज्जित बंगले में प्रभु विराजमान रहे। केशर युक्त दूध और तिल के लड्डू समर्पित किए गए। सात कोस परिक्रमा मार्ग भी गिरिराजजी के जयकारों से गूंजता रहा। मकर संक्रांति पर स्थानीय लोगों ने परिक्रमा लगाईं। फोटो एमटीएच - 14

ठाकुर द्वारिकाधीश को लगाया भोग

मथुरा : मकर संक्रांति का पर्व ठाकुर द्वारिकाधीश मंदिर में धूमधाम से मनाया गया। मंदिर के मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी एडवोकेट ने बताया कि ठाकुर जी को खिचड़ी का विशेष प्रसाद लगाया गया। मंदिर की व्यवस्थाओं को मंदिर के अधिकारी लक्ष्मण प्रसाद पाठक के अलावा बृजेश चतुर्वेदी, बनवारी लाल, सत्यनारायण रोकड़िया, बलदेव भंडारी, राजीव चतुर्वेदी, बीएन चतुर्वेदी, अमित चतुर्वेदी ने संभाला।

ठाकुर बांकेबिहारी को परोसी पंच मेवायुक्त खिचड़ी

वृंदावन : मकर संक्रांति पर ठा. बांकेबिहारी को पंच मेवायुक्त खिचड़ी परोसी गई। उन्हें गजक, खीर, चटनी, मीठी खिचड़ी का प्रसाद भी अर्पित किया गया। इसके बाद भक्तों को खिचड़ी का प्रसाद बांटा गया।

बांकेबिहारी मंदिर में मकर संक्रांति पर गुरुवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। हालांकि, बीते वर्षो के मुकाबले इस वर्ष कोरोना वायरस के चलते श्रद्धालुओं की संख्या में गिरावट नजर आई। ठाकुरजी को राजभोग में पंच मेवायुक्त विशेष खिचड़ी परोसी गई। ठा. बांकेबिहारी मंदिर के अलावा श्रद्धालुओं ने राधाबल्लभ मंदिर, राधारमण, राधादामोदर, राधाश्यामसुंदर समेत अनेक मंदिरों में दर्शन किए। सुबह यमुना स्नान किया और वृंदावन की पंचकोसीय परिक्रमा भी की। परिक्रमा के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटे। सुबह से परिक्रमा मार्ग पर श्रद्धालुओं की कतार लगी रही। मकर संक्रांति पर दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है। यमुना किनारे, मंदिरों के आसपास व आश्रम और मठों में श्रद्धालुओं ने सुबह से ही दान-पुण्य शुरू कर दिया। अनेक आश्रमों में श्रद्धालुओं ने भंडारा कर साधु सेवा भी की।


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