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ये यारी, भेद कराते मजहब पर भारी

30 बरस से दोस्त हैं रियाजुद्दीन और विनीत12 वर्ष की उम्र से शुरू हुई दोस्ती आज भी कायम

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Nov 2019 11:35 PM (IST)Updated: Sun, 10 Nov 2019 06:20 AM (IST)
ये यारी, भेद कराते मजहब पर भारी
ये यारी, भेद कराते मजहब पर भारी

गगन राव पाटिल, मथुरा: दोस्ताना इतना बरकरार रखो कि, मजहब बीच में न आए कभी, तुम उसे मंदिर तक छोड़ दो, वो तुम्हें मस्जिद छोड़ आए कभी। ये पंक्तियां सटीक बैठती हैं, शहर के ऐसे दो दोस्तों पर, जिन्होंने धर्म से ऊपर अपनी दोस्ती को रखा। यही कारण है आज 30 बरस हो गए, लेकिन यारी भेद कराते मजहब पर भारी है।

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यह तब की बात है, जब विनीत कपूर और मो. रियाजुद्दीन की उम्र लगभग 12 वर्ष रही होगी। भगत सिंह पार्क में क्रिकेट मैच था। दोनों अलग-अलग टीम से थे। रोमांचक मैच में परिणाम तो दोनों को अब याद नहीं, लेकिन उस दिन दोस्ती जरूर जीत गई। उम्र का सिलसिला धीरे-धीरे बढ़ता गया और यारी अधिक प्रगाढ़ होती गई। बताते हैं कि जब वर्ष 2006 में रियाजुद्दीन की शादी थी। निकाह वाले दिन ही विनीत ने जिद करके नई होंडा सिटी कार खरीद ली। सिर्फ इसलिए कि उनका यार शान से बैठकर दुल्हन लेने जाएगा। रियाजुददीन ने बताया कि निकाह के बाद कहीं रुका नहीं जाता है। मगर, विनीत की दादी ने कहा था कि उनका आशीर्वाद लेते जरूर जाना। बस यह बात उनकी याद थी और नियम को दरकिनार करते हुए उनके घर जाकर आशीर्वाद लिया।

उसके बाद दोनों परिवारों का एक-दूसरे के यहां आना जाना लगा ही रहा। इधर, विनीत सुबह अपने पेट्रोल पंप पर जाने से पहले उनके शोरूम से होकर ही जाते थे। यह रोजाना का नियम बन गया। यही नहीं दोनों ही परिवारों ने कई देस-विदेश की यात्राएं भी साथ-साथ ही। यह सिलसिला निरंतर जारी है।


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