फूलों की कमी से कम हुई ब्रजगंधा की सुगंध
ब्रज के मंदिरों में फूल बंगला सजना कम होने का सीधा असर ब्रजगंधा प्रोजेक्ट पर परू़ा है
योगेश जादौन, मथुरा: ब्रज के मंदिरों में फूल बंगला सजना कम होने का सीधा असर ब्रजगंधा प्रोजेक्ट पर पड़ा। उसकी सुगंध उतनी तेजी से नहीं फैल सकी जिसकी आशा की जा रही थी। ब्रज के मंदिरों से फूलों की व्यवस्था करने की योजना है। ताकि ब्रजगंधा की सुगंध दूर-दूर तक फैल सके।
गरमी के मौसम में ब्रज के मंदिरों में फूल बंगला सजाने की परंपरा है। एक बार में कई मन फूलों का प्रयोग होता है। यह बाद में कूड़े में फेंक दिए जाते हैं। इनका उपयोग करने के लिए प्रदेश सरकार ने प्रोजेक्ट ब्रजगंधा की शुरुआत इसी साल की थी। वृंदावन के आश्रय सदन की वृद्ध विधवा माताओं को आर्थिक मजबूती देना भी उद्देश्य है। सुगंध एवं सरस विकास केंद्र (एफएफडीसी) कन्नौज के विशेषज्ञों ने प्रशिक्षिण की जिम्मेदारी ली। माताओं को ब्रज के मंदिरों से मिले फूलों से अगरबत्ती, धूम, इत्र आदि बनाना सिखाया। अगस्त की शुरुआत तक फूलों की कमी नहीं थी। अब मंदिरों में फूल बंगला सजना बंद होने से कमी हो गई है। ब्रज क्षेत्र के अन्य मंदिरों से संपर्क किया जा रहा है। परेशानियों को दूर कर लिया जाएगा।
विक्रम शिवपुरी, प्रोजेक्ट प्रभारी ऑनलाइन होगी बिक्री
प्रोजेक्ट प्रभारी ने बताया कि माताओं के तैयार माल को अभी मंदिरों अथवा सदन में ही बेचा जा रहा है, लेकिन भविष्य में जल्द ही इस माल की ऑनलाइन बिक्री की व्यवस्था की जाएगी।