पूर्व मंत्री तेजपाल सिंह की रालोद में वापसी, पार्टी को मिलेगी नई ताकत
दिल्ली में पार्टी मुखिया अजीत सिंह से की मुलाकात
मथुरा, जासं। छाता से तीन बार विधायक बने और दो बार मंत्री रहे ठाकुर तेजपाल ¨सह शुक्रवार को राष्ट्रीय लोकदल की राजनीति में एक बार फिर वापस आ गए हैं। दिल्ली में पार्टी मुखिया चौधरी अजीत ¨सह और उपाध्यक्ष जयंत चौधरी से मुलाकात की। पूर्व मंत्री के इस कदम से जिले की राजनीतिक समीकरण बदलने के आसार हैं।
राष्ट्रीय लोकदल से राजनीति की शुरूआत करने वाले ठाकुर तेजपाल ¨सह वर्ष 1993 से छाता से पहली बार विधायक चुने गए। वर्ष 1995-96 में रालोद मुखिया के कांग्रेस में शामिल हो जाने के बाद तेजपाल ¨सह सपा में शामिल हो गए थे। बाद में कांग्रेस से रिश्ता तोड़कर अलग हुए रालोद की टिकट पर दूसरी बार विधायक बने। बसपा की गठबंधन की सरकार में लोक निर्माण राज्य मंत्री रहे। मुलायम सरकार भी ¨सचाई मंत्री बने। पूर्व मंत्री तेजपाल ¨सह ने दावा किया कि उन्होंने कभी रालोद नहीं छोड़ी। उनके पुत्र अतुल सिसौदिया ने सपा से विधानसभा चुनाव लड़ा था। रालोद के जिलाध्यक्ष रामरसपाल पौनिया, छाता के पूर्व चेयरमैन जगपाल ¨सह और अपने समर्थकों के दिल्ली में पूर्व मंत्री ने पार्टी मुखिया अजीत ¨सह और उपाध्यक्ष जयंत चौधरी से भी मुलाकात की। रालोद जिलाध्यक्ष रामरस पाल पौनिया ने कहा कि तेजपाल ¨सह के आने से संगठन को लोकसभा चुनाव में मजबूती से उभर कर आएगा। बदलेंगे राजनीतिक समीकरण
रालोद की सक्रिय राजनीति में पूर्व मंत्री के आने से जिले के राजनीतिक समीकरणों का भी परि²श्य बदलने के पूरे आसार हैं। ठाकुर मतदाता जो रालोद से छिटक कर भाजपा के पाले में चले गए थे, उनकी वापसी कराने में पूर्व मंत्री की अहम भूमिका रहेगी। छाता विधान सभा क्षेत्र में लंबे अरसे से लक्ष्मी नारायण चौधरी और ठाकुर तेजपाल ¨सह के बीच कड़ा मुकाबला रहा है। रालोद का अगर बसपा सपा से गठबंधन हुआ तो लोकसभा चुनाव में भाजपा को कड़ी चुनौती मिलेगी।
ठाकुर तेजपाल ¨सह के रालोद में सक्रिय होने से संगठन को मजबूती मिलेगी। उनको जिले में कद्दावर नेता के रूप में गिना जाता है।
उमेश चौधरी, मीडिया प्रभारी