एक्सप्रेस वे की ' रफ्तार ' में कोहरे ने लगाए ' ब्रेक'
दृश्यता कम होने पर थम गई थी वाहनों की रफ्तार
संसू, सुरीर: यमुना एक्सप्रेस वे पर नए साल के पहले दिन कोहरे की चादर बिछी रही। धुंध में दृश्यता शून्य तक पहुंच जाने से फर्राटा भर रहे वाहनों के पहिए थम गए। तमाम चालक व यात्रियों ने कोहरा छंटने तक अपने वाहनों को टोल व ढाबों के आसपास खड़ा कर दिया। कोहरे में दिखाई न देने से सुरीर क्षेत्र में दो हादसों में पांच लोगों की मौत हो गई और कई स्थानों पर गाड़ियां टकराने से बाल-बाल बच गईं।
गुरुवार आधी रात के बाद कोहरे की धुंध शुक्रवार दोपहर तक छाई रही। रात में इतना घना कोहरा था कि उसमें वाहनों की फाग लाइट भी काम नहीं कर रही थीं। कई जगह दृश्यता शून्य पर पहुंच जाने से वाहनों के पहिए थम गए। शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे तक एक्सप्रेस वे पर अमूमन कोहरे की यही स्थिति बनी रही। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया दृश्यता बढ़ती चली गई। एक्सप्रेस वे पर आलम यह था कि घनी धुंध में दिखाई न देने से अधिकांश यात्री व चालकों ने अपने वाहन टोल व ढाबों के आसपास खड़े कर लिए थे। ड्यूटी पर आए बैंक कर्मी अशोक ने बताया नोएडा से सुबह सात बजे एक गाड़ी में सवार हुए थे। रास्ते में घना कोहरा होने से उन्हें सुरीर तक आने में करीब तीन घंटे से अभी अधिक समय लग गया। चालकों की सावधानी व स्पीड कम होने से रास्ते में कई स्थानों पर तमाम गाड़ियां आपस में टकराने से बाल-बाल बच गईं। धुंध में रास्ता दिखाई न देने से वाहन आपस में भिड़ जाते हैं। लेकिन इससे बचाव के लिए एक्सप्रेस वे अथारिटी के पास कोई इंतजामात नहीं है। सर्द मौसम में कोहरे की धुंध का असर नोएडा से आगरा तक जा रहे यमुना एक्सप्रेस वे पर बना रहता है। जहां धुंध में दिखाई देने को को कोई माकूल इंतजाम न होने से वाहन आपस में टकराते रहते हैं। -रिफ्लेक्टर भी नहीं दिखा रहे राह-
यमुना एक्सप्रेस वे के एक अधिकारी का कहना है कि कोहरे में राह दिखाने को सड़क और साइड की रेलिग के पोलों पर रिफ्लेक्टर लगे हैं। जो अंधेरे में वाहन की लाइट में चमकते हैं, जिससे चालकों को राह देखने में सहूलियत होती है। जबकि एक्सप्रेस वे पर चलने वाले वाहन चालकों का कहना है कि कोहरे की धुंध में रिफ्लेक्टर राह दिखाना तो दूर चमकते तक नहीं हैं। आगरा से नोएडा के मध्य यमुना एक्सप्रेस वे पर चलने वाले बस के चालक रामसनेही का कहना है कि कोहरे की धुंध में कुछ भी दिखाई नहीं देता है। ऐसे भगवान भरोसे लेकर चलना पड़ता है। एक्सप्रेस वे पर होकर व्यापार के सिलसिले में अक्सर आने-जाने वाले सोनू का कहना है कि कोहरे में राह दिखाने को एक्सप्रेस वे पर कोई सुविधा नजर नहीं आती है।