Sant Premanand: अभिनेता राजपाल यादव को संत ने दिया मंत्र, चित्त भगवान से जोड़ लो; होगी हर चिंता दूर
हास्य अभिनेता राजपाल यादव ने वृंदावन में संत प्रेमानंद महाराज से आशीर्वाद लिया। संत प्रेमानंद ने उन्हें भगवान से जुड़ने का उपदेश दिया, क्योंकि संकट मे ...और पढ़ें

संत प्रेमानंद से मिलने पहुंचे अभिनेता राजपाल यादव।
संवाद सहयोगी, जागरण, वृंदावन (मथुरा)। हास्य अभिनेता राजपाल यादव मंगलवार को संत प्रेमानंद से आशीर्वाद लेने श्रीराधा केलिकुंज पहुंचे। संत प्रेमानंद ने राजपाल यादव काे आशीर्वाद देते हुए कहा आप भारतवासियों को हंसाते हैं।
ये बड़ी बात है। आज अपना चित्त भगवान से जोड़ लो। चूंकि समस्याओं में केवल भगवान साथ देते हैं। इसलिए केवल भगवान का स्मरण ही आपके हर हाल में आपके साथ होगा।
परिक्रमा मार्ग स्थित श्रीराधा केलिकुंज में मंगलवार की सुबह साढ़े सात बजे पहुंचे अभिनेता राजपाल यादव ने कहा हमारे दद्दाजी पंडित देवप्रकाश शास्त्री से उन्होंने 1990 में दीक्षा ली। वे 2020 में ब्रह्मलीन हो गए।
वे कभी सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंग निर्माण, कभी सवा पांच करोड़ पार्थिव शिवलिंग निर्माण महोत्सव का आयोजन करते थे। उन्होंने 131 यज्ञ विश्व कल्याण के लिए करवाए। हम अभिनय भी करते और दद्दाजी के साथ धार्मिक कार्यक्रम में साथ रहते।
संत प्रेमानंद ने कहा जीवन का सच यही है कि चित्त भगवान से जुड़ा रहे। चूंकि जीवन में कभी कभी विपत्ति आती है, अपनों से विछोह होता है। ऐसी परिस्थिति आती है कि जीना मुश्किल हो जाता है। तो हमारी उन समस्याओं के समय केवल भगवान ही संभाल सकता है।
जब खराब समय आता है तो अपने लोग दूर हो जाते हैं। लेकिन, भगवान हमेशा साथ देते हैं। भगवान का नामजप करके जीवन को आनंदमय बनाओ। हर समस्या में मजबूत रहना चाहिए, टूटना नहीं चाहिए। भगवान को याद करते रहते हैं तो वे हर परिस्थिति में साथ देते हैं।
हम भगवान को भूल गए हैं। उन्होंने हमें मनुष्य शरीर दिया, सर्वांग दिए, तो अब मुझे चाहिए हम एकबार अपने भगवान को देखें। इसके लिए हमें नामजप जरूर करना चाहिए।
संत प्रेमानंद से राजपाल यादव ने सवाल किया कि इसका प्रमाण कैसे दे सकते हैं कि ईश्वर है। संत प्रेमानंद ने कहा इसका प्रमाण है कि हम मरना नहीं चाहते। चूंकि हमारा पिता अविनाशी है, हमारा स्वामी भगवान हैं।
हम केवल सुख चाहते हैं, चूंकि हमारा स्वामी सुखसिंधु है, हम नंबर एक होना चाहते हैं, चूंकि हमारा ईश्व नंबर एक है। अविनाशी, सुखसिंधु, नंबर वन वह परमात्मा है। हम उसके अंश हैं, तो हमारी भी यही चाहत है।
राजपाल यादव ने कहा कई बार चुनौतियां ऐसी हो जाती हैं कि कथनी और करनी में एकता का संपादन नहीं हो पाता। तो संत प्रेमानंद ने कहा इसलिए ये नहीं होता कि हमारे अंदर नामबल नहीं है। हमारे अंदर नामबल होता, तो कोई समस्या नहीं होती।
राजपाल यादव ने कहा हमारे अंदर एक पागलपन है कि द्वापर हुआ है, श्रीकृष्ण की लीला हुई है। तो मनसुखा मैं ही हूं। इसे सुनते ही संत प्रेमानंद अट्टाहस भरी हंसी हंस पड़े और बोले आप इसी तरह बने रहिए।

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