Move to Jagran APP

मथुरा-बाहर को-ठाकुर जी की विवाह का साक्षी बनने पहुंचे श्रद्धालु

परिणय बंधन में बंधे श्रीरंगनाथ व गोदाम्माजी

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 Jan 2020 11:40 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jan 2020 06:11 AM (IST)
मथुरा-बाहर को-ठाकुर जी की विवाह का साक्षी बनने पहुंचे श्रद्धालु
मथुरा-बाहर को-ठाकुर जी की विवाह का साक्षी बनने पहुंचे श्रद्धालु

जागरण संवाददाता, वृंदावन: दक्षिण भारतीय ब्राह्मणों द्वारा उच्चारित वेदमंत्रों की ऋचाओं के बीच भगवान रंगनाथ और श्रीगोदाम्माजी का मंगलवार शाम वैदिक रीतिरिवाज के साथ विवाह समारोह सम्पन्न हुआ। ठाकुरजी के विवाह के विलक्षण पलों का साक्षी बनने को देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालु मौजूद रहे।

loksabha election banner

दक्षिण भारतीय परंपरा का रंगजी मंदिर में मंगलवार को अनोखी छटा दिखाई दी। भगवान रंगनाथ और श्रीगोदाम्माजी के विवाह की तैयारियां सुबह से ही शुरू हो गई थीं। परंपरा के अनुसार भोर में ही डोले में विराजमान करवाकर श्रीगोदाम्माजी को यमुना दर्शन के लिए ले जाया गया। इसके बाद मंदिर की बारहद्वारी में विराजमान करवाकर विवाह पूर्व की रस्में शुरू हुईं। दोपहर बाद करीब साढ़े तीन बजे भगवान रंगनाथ गरुणजी पर विराजमान होकर निज मंदिर से बारात लेकर निकले और बारहद्वारी पहुंचे। जहां श्रीगोदाम्माजी के पिता विष्णुचित्त स्वामी ने भगवान रंगनाथ का स्वागत किया और पान-सुपारी व वस्त्र चांदी की थैली में रखकर भेंट किए। इसके बाद वेदमंत्रों की अनुगूंज के बीच विवाह की रस्म सप्तपदी शुरू हुईं। जो ठाकुरजी के अर्चकों के दो पक्षों के बीच दर्शाया गया। जिस प्रकार सात फेरे लिए जाते हैं, इस विवाह समारोह में सप्तपदी के जरिए भगवान रंगनाथ सात वचन श्रीगोदाम्माजी से लेते हैं और मंगलसूत्र पहनाकर श्रीगोदाम्माजी का परिणय स्वीकार करते हैं। इसके बाद भगवान रंगनाथ श्रीगोदाम्माजी के साथ शीशमहल में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.