सरदार कंपनी के उर्वरक को बेचा जा रहा था इफ्को के बोरों में
कोसीकलां के इंडस्ट्रीयल एरिया कोटवन के एक गोदाम में चल रहा था खेल
मथुरा, जासं: कोसीकलां के इंडस्ट्रीयल एरिया कोटवन क्षेत्र के एक गोदाम में सरदार कंपनी के उर्वरक को इफको कंपनी के बोरों में भरकर बेचने के खेल का सोमवार को कृषि अधिकारी की टीम ने भंडाफोड़ किया है। गोदाम से 297 बोरों की पै¨कग करते हुए एक व्यक्ति को भी रंगे हाथ पकड़ लिया गया। यहां से दोनों कंपनी के खाली बोरा भी मिले। गोदाम को सील कर दिया गया है।
बाजार में तमाम कंपनियों के उर्वरक की बिक्री हो रही है, लेकिन किसान सरकारी सेक्टर में सप्लाई कर रही इफको कंपनी के उर्वरकों पर भरोसा कर रहा है। वहीं इफको का उर्वरक दूसरी कंपनियों से महंगा भी है। रबी की मुख्य फसल गेहूं की बुवाई के लिए इसकी मांग बढ़ गई है। इसका फायदा उठाने के लिए थाना कोसीकलां क्षेत्र के गांव हुलवाना निवासी राजेश पुत्र राधेलाल उर्वरकों के हेराफेरी करके बाजार में उतारने का काम कर रहा था। जिला कृषि अधिकारी डॉ. रामतेज यादव ने बताया कि सरदार कंपनी के अमोनिया फॉस्फेट सल्फेट(20:20:13) को इफको के बोरों में पलट कर भर रहा था। मौके पर 297 बोरा भरे हुए मिले। इनको पै¨कग करने का काम चल रहा था। सरदार कंपनी के 285 बोरा खाली भी मिले, जबकि इफको कंपनी के चालीस से अधिक खाली बोरे भी रखे हुए थे। उन्होंने बताया कि गोदाम को सील कर दिया गया है और किसानों के साथ धोखाधड़ी करने का काम कर रहे राजेश के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए डीएम से मंजूरी ली जा रही है। एक बोरा पर 515 की बचत:
जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि सरदार कंपनी के एक बोरा की कीमत 935 रुपये हैं, जबकि इफको के डीएपी की कीमत 1450 रुपये प्रति बोरा है। नयी कीमत का डीएपी आठ नवंबर को मथुरा में आ जाएगा। तभी इन बोरों को आरोपित राजेश बाजार में उतारता। इस तरह से उसको एक बैग पर 515 रुपये की बचत होती। उन्होंने बताया कि उर्वरक के नमूना भी लिए गए हैं। इसकी गुणवत्ता की जांच कराई जा रही है।