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मोटे धान के फेर में ' पतले' हो गए अन्नदाता

सरकार मोटे धान की खरीद कर रही है और किसान पतले धान की पैदावार कर रहे हैं। पतला धान सरकारी क्रय केंद्रों पर खरीदा नहीं जा रहा है और मोटा धान सरकारी खरीद एजेंसियों को मिल नहीं पा रहा है। ऐसी स्थिति में खरीद एजेंसियों का लक्ष्य पूरा नही हो पा रहा है और किसानों को भी समर्थन मूल्य नहीं मिल पा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 05:56 AM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 05:56 AM (IST)
मोटे धान के फेर में ' पतले' हो गए अन्नदाता
मोटे धान के फेर में ' पतले' हो गए अन्नदाता

जागरण संवाददाता, मथुरा: सरकार मोटे धान की खरीद कर रही है और किसान पतले धान की पैदावार कर रहे हैं। पतला धान सरकारी क्रय केंद्रों पर खरीदा नहीं जा रहा है और मोटा धान सरकारी खरीद एजेंसियों को मिल नहीं पा रहा है। ऐसी स्थिति में खरीद एजेंसियों का लक्ष्य पूरा नही हो पा रहा है और किसानों को भी समर्थन मूल्य नहीं मिल पा रहा है। मोटे-पतले के फेर में किसान पतला हुआ जा रहा है।

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सरकार उसी धान की खरीद कर रही है, जिससे चावल की रिकवरी 67 फीसद तक हो। इतनी रिकवरी 47 नरेंद्र जैसी प्रजाति से हो रही है। इस प्रजाति का धान का रकबा जिले में 25 फीसद है, जबकि 75 फीसद रकबा में 1509 प्रजाति का धान किसान पैदा कर रहे हैं। इस धान में चावल की रिकवरी 59.7 क्विटल की हो रही है। सरकार ने इस प्रजाति के धान को सरकार ने ग्रेड ए में अभी तक शामिल नहीं किया है। सरकारी केंद्र पर 1509 धान की खरीद नहीं हो पा रही है। बाजार में इस प्रजाति के धान के भाव एमएसपी से दो सौ रुपये कम बोले जा रहे हैं। इस भाव पर बेचने में किसानों को घाटा हो रहा है। उनको लागत मूल्य नहीं मिल पा रहा है। पिछले साल इसी प्रजाति के का धान भाव 2800 रुपये प्रति क्विटल तक रहा था। मोटा धान सरकारी खरीद एजेंसियों को नहीं मिल पा रहा है। 25 फीसद रकबा में मोटे धान का उत्पादन किया गया है। औसत उत्पादन 20 क्विटल प्रति हेक्टेयर तक होने का अनुमान है। सरकारी खरीद एजेंसियां अपना लक्ष्य पूरा नहीं कर पा रही हैं। ये समर्थन मूल्य:

---1888 रुपये क्विटल ग्रेड ए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य

---1868 रुपये क्विटल कामन धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य --ये मंडियों का भाव:

--1631 रुपये क्विटल बिक रहा मशीन से निकला धान

--1651 रुपये क्विटल बिक रहा हाथ से निकाला धान ---धान का रकबा:

--50790 हेक्टेयर में किसानों ने इस बार धान की बुवाई की

--13290 हेक्टेयर में कामन धान का उत्पादन किया गया

--37180 हेक्टेयर में ग्रेड ए धान का उत्पादन किया गया

---180 हेक्टेयर में हाइब्रिड धान का उत्पादन किया गया ----अब तक हुई खरीद :

--4 हजार मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य हुआ तय

--19 सरकारी क्रय केंद्र खोले गए

--563.43 मीट्रिक टन धान की हुई खरीद

--119 किसानों से आज तक खरीदा गया धान --1509 प्रजाति के धान को ग्रेड ए में शामिल नहीं किया गया है। इसको ग्रेड ए में शामिल करने के लिए शासन को पत्र भेजा गया है, पर अभी तक इसकी खरीद करने के लिए मंजूरी नहीं मिल पाई है।

---राजेश्वर प्रताप सिंह जिला खाद्य विपणन अधिकारी


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