सिचाई बंधु की बैठक में भड़के किसान, अधिकारी किए कैद
राजीव भवन में जोरदार हंगामा लगाए नारे अधिकारियों को पौन घंटे तक रखा बंद
मथुरा, जासं। राजीव भवन स्थित सभागार में आयोजित सिचाई बंधु की बैठक में मंगलवार को जोरदार हंगामा हुआ। जिम्मेदार अधिकारियों को अनुपस्थित देख किसान आक्रोशित हो उठे। बैठक का बहिष्कार कर बाहर निकल आए और नारेबाजी करने लगे। इतना ही नहीं, अधिकारियों को 45 मिनट तक सभागार में बंद रख बाहर से ताला जड़ दिया।
किसानों की समस्याएं सुनने के लिए हर माह बैठक होती है। आचार संहिता लगने के कारण इस बार तीन माह बाद हो रही थी। लिहाजा, किसानों की समस्या भी लंबे समय के लिए अटक गई थी। ऐसे में किसान पहले से ही गुस्से में थे। इधर सीडीओ समेत अन्य अधिकारी के न होने पर वे भड़क उठे। सुबह 11 बजे से शुरू होने वाली बैठक में 45 मिनट तक तो हंगामा ही होता रहा। भारतीय किसान यूनियन भानू के जिलाध्यक्ष देवेंद्र पहलवान एवं भारतीय किसान यूनियन टिकैत के जिलाध्यक्ष राजकुमार तोमर के नेतृत्व में किसान सभागार से बाहर निकल धरने पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। इधर, सभागार में मौजूद सिचाई विभाग के अफसरों को अंदर बंद कर दिया। बैठक की अध्यक्षता कर रहे सिचाई बंधु की बैठक समिति के उपाध्यक्ष सुधीर रावत के आश्वासन के बाद दोबारा बैठक शुरू हो पाई। इस दौरान एई संजीव तिवारी, नवनीत गर्ग, नवीन शर्मा, मांट ब्रांच के एई सुनील कुमार शर्मा, रनधीर सिंह के अलावा करीब 250 किसान मौजूद रहे। वेतन काटने की संस्तुति:
सुधीर रावत ने बताया कि बैठक में प्रस्ताव पारित हुआ है, जिसमें अनुपस्थित अधिकारियों का एक दिन का वेतन काटने की संस्तुति डीएम से की गई है। इसमें मांट ब्रांच के अधिशासी अभियंता सुभाष चंद्र, डिप्टी डायरेक्टर एग्रीकल्चर घूरेंद्र कुमार समेत लगभग 10 अधिकारी शामिल हैं। ये हैं मांग:
-प्रमुख बरसाती नालों की सफाई न होना
-फर्जी कुलाबों को निकाला जाए
-पचावर और बंदी माइनर में वर्षों से नहीं आ रहे पानी की आपूर्ति हो
-सिचाई विभाग के सींचपाल द्वारा रिश्वत मांगने पर कार्रवाई हो।
-बरसाती नालों की सफाई को आए 1.5 करोड़ रुपये की राशि में पारदर्शिता बरती जाएं
-अधिकारी कागजों पर नहीं मौके पर जाकर काम करें
-सिचाई विभाग की संपत्ति अतिक्रमण मुक्त हो।