लॉकडाउन की फुरसत में काका बन गए फेसबुक फ्रेंड
लॉकडाउन मैजिक स्मार्ट फोन पर थिरकने लगी हैं बुजुर्गों की अंगुलियां इंटरनेट से ही ले रहे अब खेती की जानकारी
अभय गुप्ता, सुरीर (मथुरा) : खेतों में काम करने वाले काका बच्चों के स्मार्ट फोन को हाथ नहीं लगाते थे। कहते थे बटन वाला फोन ही ठीक है। दबाकर नंबर लगा लेते हैं। कॉल आती है तो हरा बटन दबाकर बात कर लेते हैं। लेकिन लॉकडाउन की फुरसत ने अपने काका को भी स्मार्ट बना दिया है। काका का मिजाज बदल गया। काका की अंगुलियां स्मार्ट फोन पर थिरकने लगी हैं। काका भी अब बच्चों से सीखकर फेसबुक और वाट्सएप चला रहे हैं। संचार तकनीक और फोन के स्मार्ट होने का फायदा भी उठा रहे हैं। खेती के तरीके के लिए अब इंटरनेट का सहारा लिया जा रहा है।
गांव-गांव ये नजारे दिख रहे हैं। खेतों पर काम कर स्मार्ट फोन से दूर रहने वाले बुजुर्ग भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आ गए हैं। इसके लिए बच्चों से मोबाइल चलाना सीख लिया। गांव ओहावा के करन सिंह लॉकडाउन में बच्चों से स्मार्ट फोन चलाना सीख गए हैं। अब न सिर्फ सोशल मीडिया पर दूसरे शहरों में रह रहे स्वजनों से जुड़ने का आनंद ले रहे हैं, बल्कि इंटरनेट की ताकत भी पहचानने लगे हैं। इसी के माध्यम से खेती-बाड़ी और सरकार द्वारा मिलनेवाली किसानों की सहायता पर भी नजर रख रहे हैं। सुरीर के दयाल गुप्ता व कृष्ण कुमार कहते हैं कि कभी जब स्मार्ट फोन पर कही से कॉल आती थी, तो फोन रिसीव करना तक नहीं आता था। लेकिन, लॉकडाउन के दौरान फुरसत में घर के लड़कों से स्मार्ट फोन चलाना सीख गए। एकाउंट खोलने से फेसबुक पर फ्रेंड भी ताबड़तोड़ मिलने लगे। स्मार्ट फोन के माध्यम से पैसा ट्रांसफर, देश दुनिया के खबर की जानकारी, मौसम की स्थिति, किसानों को सरकार से मिलने वाले लाभ के समुचित जानकारी देख लेते हैं। प्रदीप कुमार व यतेंद्र कहते हैं कि खाली समय में बच्चों से मदद ली और मोबाइल चलाना सीख गए। खेती की जानकारी भी इंटरनेट से ही ले रहे हैं।