हाथी के गोबर से बनाई खाद, उगाई सब्जियां
हाथी संरक्षण केंद्र पर स्नान के पानी व गोबर से बनाई खाद, फिलहाल एक एकड़ में ऑर्गनिक खेती की शुरूआत की गई
फरह, मथुरा: वाइल्ड लाइफ एसओएस हाथी सरंक्षण केंद्र ने हाथी स्नान के बेस्ट पानी और गोबर की खाद पर प्रयोग किया है। इसकी ऑर्गनिक खाद बनाई है और उससे सब्जियां उगाई जा रही हैं। फसल पहली है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि आर्गनिक खेती का सिलसिला लंबा चलेगा।
हाथी संरक्षण केंद्र पर संचालकों ने प्रायोगिक तौर पर एक बीघा जमीन पर आर्गनिक खेती की शुरूआत की है। यह खाद हाथी के स्नान के लिए प्रयोग होने वाले पानी, मूत्र और उसके गोबर से बनाई गई है। शुरूआत में करीब बीस तरह की तरकारी की पौध लगाई गई हैं। ये सब्जियां यहां कार्यरत कर्मचारियों के उपयोग में ही लाई जाएंगी।
संरक्षण केंद्र के सह संस्थापक कार्तिक सत्य नारायण ने बताया कि हाथी को नहलाने के बाद उसके बेस्ट पानी का सदुपयोग करते हुए उसका गोबर ऑर्गेनिक खेती के रूप में लाया गया है। खेती में किसी भी प्रकार की रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं किया जा रहा। ऐसे आया विचार
फरह: केंद्र पर हाथियों के लिए स्नान की अलग व्यवस्था है। इनके नहलाने के बाद प्रयुक्त होने वाला पानी और मूत्र एक छोटे से स्थान पर एकत्र होता रहता है। हाथी अपने भोजन का पचास फीसद हिस्सा ही पचा पाता है, जबकि इतना ही हिस्सा साबुत उसके गोबर में शामिल रहता है। केंद्र के कर्मचारी इसे इधर-उधर बिखेर देते थे। केंद्र की जमीन पर बालू की मिट्टी है। बिखेरे गए गोबर का कोई सदुपयोग भी हो सकता है, यह विचार आते ही हाथियों के स्नान के बाद के बेस्ट वाटर, मूत्र और गोबर की खाद बनाकर सब्जियों में लगाई गई है। 20 तरह की तरकारियां
फरह: प्रयोग के तौर पर यहां फिलहाल मिर्च, टमाटर, प्याज, मैथी, बथुआ, लौकी, काशीफल, पालक, गोभी इत्यादि तरकारियां पैदा करने की तैयारी है। उम्मीद है कि हाथी खाद की तरकारियां बेहद स्वादिष्ट होंगी।