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शहर की समृद्धि में ही हो सकती है सीए की वृद्धि

मथुरा जासं। दूसरों का हिसाब-किताब रखने वाले चार्टर्ड एकाउंटेंट शहर की स्मृद्धि में ही अपनी वृद्धि मानते हैं। उनका कहना है कि उद्योग-धंधों का चलना पर्यटन का विकास साफ-सफाई जैसे मुददे काफी मायने रखते हैं। लिहाजा जिसके एजेंडे में शहर का विकास प्रमुख रूप से होगा वहीं वोट का भी हकदार बनेगा। इन्हीं सब मुददों को जानने के लिए दैनिक जागरण ने द इंडस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया की मथुरा ब्रांच शाखा से चुनावी संवाद किया और उनके एजेंडे जानने का प्रयास किया। इस दौरान सीए स्टूडेंटस भी मौजूद रहे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Apr 2019 11:40 PM (IST)Updated: Thu, 04 Apr 2019 11:40 PM (IST)
शहर की समृद्धि में ही हो सकती है सीए की वृद्धि
शहर की समृद्धि में ही हो सकती है सीए की वृद्धि

जागरण संवाददाता, मथुरा: दूसरों का हिसाब-किताब रखने वाले चार्टर्ड एकाउंटेंट शहर की समृद्धि में ही अपनी वृद्धि मानते हैं। उनका कहना है कि उद्योग-धंधों का चलना, पर्यटन का विकास, साफ-सफाई जैसे मुददे काफी मायने रखते हैं। लिहाजा, जिसके एजेंडे में शहर का विकास प्रमुख रूप से होगा वहीं वोट का भी हकदार बनेगा। इन्हीं, सब मुददों को जानने के लिए दैनिक जागरण ने द इंडस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया की मथुरा ब्रांच शाखा से चुनावी संवाद किया और उनके एजेंडे जानने का प्रयास किया। इस दौरान सीए स्टूडेंटस भी मौजूद रहे।

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आगामी लोस चुनाव को लेकर उन्होंने अपनी बेबाक राय रखी। कांग्रेस के वादों और भाजपा के कार्यकाल की समीक्षा की है। उन्होंने कहा कि भाजपा की योजनाएं निश्चित रूप से अच्छी रही, लेकिन निचले स्तर पर उनके क्रियान्वयन में कमी रही। मसलन, उद्यमशीलता बढ़ाने के लिए शुरू की गई मुद्रा योजना अधिक प्रभावित नहीं कर पाई। उद्यमशीलता को अधिक बढ़ावा नहीं मिल सका। हालांकि आयुष्मान योजना 10 में से 10 नंबर पा गई। निर्धनों को आसानी से इलाज मिलने का रास्ता खुल पाया। दिक्कत टॉप मैनेजमेंट में नहीं है, जरूरत है तो निचले स्तर पर सुधार करने की है। वहीं, कांग्रेस द्वारा जारी घोषणापत्र को सीए ने सिरे से नकार दिया। उनका कहना था कि ऐसा होने ही नहीं वाला है। अगर होता भी है तो देश गर्त में चला जाएगा। जिसका बोझ आम जनता पर ही पड़ेगा। सभी तरह ही सब्सिडी मिलनी बंद हो जाएगी। 72 हजार देकर भारत की हालत वेनेजुएला जैसे बन जाएगी। जहां महंगाई आसमां छू रही है। लाखों लोग पलायन कर रहे हैं। यह सब वहां की गलत सरकारी नीतियों के चलते हो रहा है। वहीं, लाखों लोगों को नौकरी देने का दावा भी हवा-हवाई है। सीए संजीव अग्रवाल, सीए रोहित कपूर, सीए जितेंद्र चतुर्वेदी, सीए आलोक नागर, सीए नेहा यादव, सीए पवन अग्रवाल, शिवांगी चतुर्वेदी, शरद खंडेलवाल, मनीष कुमार शर्मा, वसुंधरा गुप्ता मौजूद रहे।

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ये हैं एजेंडे:

-प्रत्येक योजना का मिले डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर

-अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाए

-कानून व्यवस्था का सही होना बहुत जरूरी है

-रियल एस्टेट को प्रोत्साहित करने को योजना लाई जाए

-टूरिज्म इंडस्ट्री विकसित हो

-उद्योग-धंधों के लिए रास्ते आसान बनें

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टॉक:

सीए वर्ग तभी खुश हो सकता है जब तक शहर का सही मायने में विकास हो। कारोबार, उद्योग के लिए कार्य का माहौल बनाना होगा। खासकर नए प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

रोहित कपूर, सीए

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कारोबार का माहौल सुगम बनाया जाए। योजनाएं अच्छी होती हैं, लेकिन उनका क्रियान्वयन ठीक से नहीं हो पाता है। इसके लिए जिम्मेदार निचला तंत्र है, जो सिर्फ कागजों में गुड वर्क दिखाता है।

जितेंद्र चतुर्वेदी, सीए

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मथुरा का सुंदरीकरण हो, जिससे बाहर से आए दर्शनार्थियों को अच्छा अहसास हो। शहर में पर्यटक तो आता है, लेकिन सही छवि लेकर नहीं जाता है। इसे बदलना होगा।

आलोक नागर, सीए

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उद्योगों को वाइट कैटेगरी में डाला जाना चाहिए। इसके अलावा कृष्ण थीम पार्क और पर्यटन का विकास होना चाहिए। कोटा के बाद शहर को एजुकेशन हब बनाना चाहिए।

संजीव अग्रवाल, सीए


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