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आधे से अधिक ने पढ़ा ही नहीं कांग्रेस का घोषणापत्र

मथुरा जासं।लोकसभा चुनाव में सत्ता सुख पाने के लिए राजनैतिक दल अपने-अपने दाव खेल रहे हैं। सत्ता हासिल करने के लिए लोगों को लुभाने वाली घोषणाएं की जा रही हैं। कांग्रेस के घोषणापत्र ने एक नई चर्चा को हवा दे दी है। अपने-अपने क्षेत्र के महारथी कांग्रेस के घोषणा पत्र को केवल चुनावी हथकंडा तक सीमित मान रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Apr 2019 11:37 PM (IST)Updated: Thu, 04 Apr 2019 11:37 PM (IST)
आधे से अधिक ने पढ़ा ही नहीं कांग्रेस का घोषणापत्र
आधे से अधिक ने पढ़ा ही नहीं कांग्रेस का घोषणापत्र

जागरण संवाददाता, मथुरा: कांग्रेस का घोषणा पत्र जारी होते ही उन पर चर्चा चल निकली है। 72 हजार से लेकर राजद्रोह की धारा हटाए जाने पर विमर्श चल रहा है। मगर, यह विमर्श कुछ लोगों तक ही सीमित है। अधिकांश को तो घोषणाओं के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है। थोड़ी-बहुत जो जानकारी है वह संचार माध्यम से ही मिली है। अलबत्ता जानकारों का कहना है कि घोषणा पत्र केवल चुनावी हथकंडा तक हैं। हालाकि यह घोषणापत्र जानकारों के गले नहीं उतर रहा है और सभी इसको चुनावी हथकंडा तक सीमित मान रहे हैं।

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क्या कहते हैं जानकार-

कांग्रेस अपने चुनावी घोषणापत्र को चुनाव जीतने का हथियार बना रही है। गरीबों को छह हजार रुपया देना आसान नही हैं और न ही देश के पास इतना धन है। नौकरी तो लोगों को मिल रही हैं, लेकिन एक साल में 22 लाख नौकरी देना कांगेस के बस से बाहर होगा। यह घोषणा पत्र चुनाव जितने का फंडा है।

डॉ. बरखा अग्रवाल, प्रो.अर्थशास्त्र

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राष्ट्र या राज्यद्रोह कानून हटाना खतरनाक है। कश्मीर में आतंकवाद पनप रहा है, इस कानून के हटाने से आतंकवाद और बढ़ेगा। यह कानून हटाना देश के साथ गद्दारी करने के समान है। कानून का भय आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों में होना चाहिए, अन्यथा काबू करना मुश्किल हो जाएगा। इसका विरोध करना चाहिए।

राजकुमार उपाध्याय, सचिव

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यदि घोषणाएं जमीन पर उतरें और पात्रों को लाभ मिले, तब ही ठीक हैं। सत्ता में आने के लिए नेता बड़ी-बड़ी घोषणा करते हैं, लेकिन चुनाव के बाद भूल जाते हैं। कहीं कांग्रेस का घोषणापत्र भी दिखावा बनकर न रह जाए।

जगदीश सिंह, जगदीश फीलिग स्टेशन

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कांग्रेस पार्टी चुनाव प्रचार के दौरान 72 हजार रुपये प्रतिमाह, किसानों की ऋण माफी जैसी योजनाओं को उठाया जा रहा है। इसके अलावा जिलों में रिफाइनरी, छाता सुगर मिल जैसी योजना जो कांग्रेस की देन हैं, उनके बारे में बता रही है। स्थानीय मुद्दों में पूरे मथुरा को तीर्थ घोषित कराना, यमुना प्रदूषण, बेरोजगारी जैसे मुद्दे उठाए जा रहे हैं। कांग्रेस कार्यकर्ता भी जनता को कांग्रेस की उपलब्धियों से अवगत करा रहे हैं। कश्मीर में राज्य द्रोह के कानून हटाने का विरोध केवल विरोधी केवल विरोधी कर रहे हैं।

अशोक चकलेश्वर, कार्यवाहक जिलाध्यक्ष, कांग्रेस


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