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चौपाल: चुनाव के बाद टूट जाते विकास के वादे, पीछे रह जाती जनता

कृष्ण विहार की चुनावी चौपाल में खस्ता हाल रोड पर जताया आक्रोश

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Apr 2019 12:03 AM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2019 06:17 AM (IST)
चौपाल: चुनाव के बाद टूट जाते विकास के वादे, पीछे रह जाती जनता
चौपाल: चुनाव के बाद टूट जाते विकास के वादे, पीछे रह जाती जनता

मथुरा,जांस। प्रत्याशी वही अच्छा जो जनता के बीच जाकर उनकी समस्या सुने और समाधान दे। वादे तो चुनावों में सभी पार्टी और प्रत्याशी करते हैं। विकास के नाम पर वोट मांगे जाते हैं और सुनवाई सिर्फ बड़े लोगों की होती है। वोट डालने वाला आम मतदाता विकास में कहीं पीछे छूट जाता है या फिर उसे भुला दिया जाता है। बीएसए इंजीनियरिग कॉलेज की सड़क करीब दस साल से बदहाल है। पिछले चुनावों में इसे बनवाने का वादा किया गया, पर कोई प्रयास किसी भी जीते हुए जनप्रतिनिधि की ओर से नहीं किया गया। न ही बारिश के दिनों में कॉलोनियों में होने वाले जल भराव से मुक्ति मिली। ये विचार बीएसए रोड स्थित कृष्ण विहार कॉलोनी में आयोजित जागरण की चुनावी चौपाल में महिलाओं ने आक्रोश भरे लहजे में व्यक्त किए।

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चर्चा करते हुए महिलाओं ने कहा कि सबसे बड़ा सवाल सुरक्षा और रोजगार का है। शिक्षित महिलाओं के लिए उस तरह के मौके और सुविधाएं नहीं है कि वह किसी तरह का स्वरोजगार कर सकें। बिजली के मनमाने बिलों से परेशानी हो रही है। महिलाओं ने एक स्वर से कहा कि जाम की समस्या से मुक्ति मिलनी चाहिए। वोट तो देना है और देंगे भी पर काफी सोच समझकर क्योंकि रीति नीति के नाम पर सभी प्रत्याशी एक से ही नजर आ रहे हैं। सोचना इस बात को लेकर है कि अपना वोट देकर हम ही को पांच साल खुद ही न पछताना पड़े। पिछले चुनावों का अनुभव बहुत ज्यादा अच्छा नहीं है। चर्चा में शामिल महिलाओं में प्रतिभा, गायत्री देवी, सुहानी, शिवानी शर्मा, रचना, अनीता अग्रवाल, गीता शर्मा, सुशीला, वंदना, तुलसी, सत्यवती, शीला संगीता, राधा, मधु, सुमित्रा, सुनीता, हेमवती, शंकुतला आदि थी। बीएसए इंजीनियरिग कॉलेज की रोड को टूटे हुए दस साल से ऊपर हो गए, किसी भी चुने हुए नेता ने इस पर ध्यान नहीं दिया। रिक्शा और ऑटो वाले इस रोड पर आने से साफ मना कर देते हैं।

गायत्री देवी। स्थानीय विकास में महिलाओं की समस्याओं को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए। ऐसी योजनाओं का लाभ महिलाओं को मिले ताकि वह अपनी योग्यता के आधार पर स्वरोजगार कर सकें।

सुहानी। शिक्षित महिलाओं के सामने सबसे बड़ी समस्या रोजगार की है, जिसके मौके न के बराबर ही नजर आ रहे हैं। महिलाओं के लिए रोजगारपरक शिक्षा की बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए।

शिवानी शर्मा। बीएसए इंजीनियरिग रोड की बदहाल रोड के कारण कॉलोनियोंवासियों को परेशानी होती है। इस रोड पर करीब एक दर्जन से ज्यादा कॉलोनियां हैं। सड़क बनने पर ही विकास होगा यहां का।

रचना।


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