यहां तो नाले को ही बना दिया खत्ताघर
जागरण संवाददाता, मथुरा: मानसून दस्तक देने लगा है। माह के अंत तक बारिश होने का अनुमान है
जागरण संवाददाता, मथुरा: मानसून दस्तक देने लगा है। माह के अंत तक बारिश होने का अनुमान है। ऐसे में एक बार फिर से शहर के जलमग्न होने की संभावना है। कारण शहर का प्रमुख पंचवटी नाले का गंदगी और मिट्टी से पटा होना है। जब से नाला बना है, सफाई तो आज तक हुई नहीं हुई। पुलिया बनने के बाद उसका मलवा और बिजली विभाग की केबल ने गंदगी का ऐसा रास्ता रोक दिया है कि लगता ही नहीं यह नाला है, देखकर लगता है जैसे कोई खत्ताघर हो।
हाईवे पर बाजना पुल से गोविंदपुर होते हुए यमुना की ओर जाने वाले नाले को पंचवटी नाला के नाम से जाना जाता है। इसके आसपास करीब आधा दर्जन कॉलोनियों में लोग रहते हैं। स्थानीय लोगों का गंदगी और बदबू से जीना मुहाल हो गया है। नाले में जगह-जगह सिल्ट भरी पड़ी है। मसानी ¨लक रोड पर कब्रिस्तान के समीप जहां नाला क्रॉस करता है वहां सड़क बनने के बाद पुलिया का निर्माण तो करा दिया गया, लेकिन उसका मलबा नहीं हटाया। इसी नाले की पुलिया के मुहाने पर बिजली विभाग की 33 हजार केवीए की दो अंडरग्राउंड केबल लटकी हैं। ये केबल नाले के कचरे को रोक रही हैं। इससे पानी प्रेसर से पानी आने के बाद भी कचरा जमा रहता है। यहां देखने से नहीं लगता कि कभी इस नाले में पानी भी बहता होगा। नगर निगम ने यहां अस्थाई खत्ताघर बना दिया है। यही कारण है कि अक्सर लोग ही नहीं फैक्ट्री संचालक और निगम कर्मचारी भी यहां कूड़ा डालते रहते हैं। यहां हमारा करीब पांच साल से ढाबा है। जब से ढाबा खोला है, किसी को सफाई करते नहीं देखा है। बारिश के दिनों में तो पानी आता है और गंदगी को बहाकर ले जाता है, इसके अलावा यहां सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है।
- भगवान, ढाबा संचालक बाजना पुल से गो¨वदपुर होकर यमुना में मिलने वाला नाला कच्चा होने पर कभी सफाई नहीं हुई। अब पक्का बन गया है फिर भी कोई सफाई करने नहीं आता। पुलिया बनने के बाद तो कचरा इसमें अटका हुआ है, जिससे गंदगी रहती है।
कालू, स्थानीय निवासी