टूटी सड़कें, ओवरफ्लो नालियां, गलियों में बहता गंदा पानी
वर्षों से विकास का इंतजार कर रहे वार्ड 15 के लोग सड़कों पर ही बांधे जा रहे हैं जानवर
संवाद सहयोगी, मथुरा : कागजी विकास की हकीकत क्या है, ये देखना है तो शहर के वार्ड नंबर 15 की पुरानी छावनी और अशोक विहार क्षेत्र में आइए। यहां क्षतिग्रस्त सड़कों पर चलना मुश्किल है। सफाई न होने से गंदगी रहती है। यहां रहने वाले लोग वर्षों से विकास का इंतजार कर रहे हैं। पुरानी छावनी क्षेत्र में अधिकांश कालोनियां क्षतिग्रस्त हैं। कई बार इनके निर्माण की मांग की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। गलियों की पुलिया तक क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। नालियों की सफाई लंबे समय से नहीं हुई, ऐसे में गंदगी रहती है। ओवरफ्लो हो रही नालियों का पानी सड़कों पर बह रहा है। पेयजल की आपूर्ति प्रतिदिन नहीं होती है। अशोक विहार कालोनी में जानवर सड़क पर बंधे रहते हैं। इस कारण गंदगी रहती है। बारिश में तो पैदल निकलना भी मुश्किल हो जाता है। सड़क क्षतिग्रस्त हैं। पैदल चलना भी मुश्किल है। दो पहिया वाहन चालक आए दिन चोटिल हो जाते हैं। क्षेत्र में विकास नजर नहीं आता है। हम तो कई बार मांग कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।
विमलेश-स्थानीय नागरिक नालियों की सफाई नहीं होती है। बरसात में गंदा पानी सड़कों पर बहता है। गंदगी के कारण बुरा हाल रहता है। हमने नगर निगम अधिकारियों से भी व्यवस्था सुधारने की मांग की, लेकिन किसी ने अब तक ध्यान नहीं दिया।
भूरी-स्थानीय नागरिक नालियों की अधिकांश पुलिया क्षतिग्रस्त हैं। इस कारण वाहन निकालने में परेशानी आती है। निगम के अधिकारी भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। आखिर हम भी तो शहर में ही रह रहे हैं, फिर गांव जैसे हालात क्यों हैं।
खेमचंद-स्थानीय नागरिक पेयजल की आपूर्ति प्रतिदिन नहीं होती है। पानी के लिए परेशान रहना पड़ता है। चुनाव के समय ही समस्याओं के समाधान कराने के आश्वासन दिए जाते हैं, लेकिन चुनाव के बाद लोग भूल जाते हैं। हालात जस के तस ही रहते हैं।
कमल सिंह-स्थानीय नागरिक सड़कों पर जानवर बंधे रहते हैं। इस कारण गंदगी रहती है। सफाई पर ध्यान नहीं दिया जाता है। बरसात में पैदल निकलने में परेशानी होती है। नगर निगम को चाहिए कि इस ओर ध्यान दे और हमें भी शहर जैसी सुविधाएं दी जाएं।
अशोक सैनी-स्थानीय नागरिक सभी गलियों में लाइट नहीं हैं। इस कारण अंधेरा रहता है। चुनाव के समय जो आश्वासन दिए जाते हैं, उसमें से आधे भी पूरे नहीं किए जाते हैं। कहने को हम केवल शहरी क्षेत्र में रह रहे हैं, लेकिन हालात गांव से भी बदतर हैं।
विकास दिवाकर-स्थानीय नागरिक नगर निगम विकास कार्य कराने पर ध्यान नहीं दे रहा है। कई गलियों के प्रस्ताव अटके पड़े हैं। मुख्यमार्ग पर इंटरलाकिग का कार्य भी नहीं कराया है। क्षतिग्रस्त गलियों के निर्माण के प्रस्ताव दे रखे हैं, लेकिन इन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जनता की समस्या का समाधान कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। जनता को जो आश्वासन दिए थे, उन्हें पूरा करने की कोशिश की जा रही है।
अंशुल यादव-पार्षद वार्ड 15
22 हजार के करीब आबादी
14 हजार के करीब मतदाता
1.5 करोड़ से करीब दो दर्जन गलियों का कराया गया निर्माण
200-लाइट लगवाई गई हैं