नहीं आई पालनहार, नर्सों से मिला अपनों-सा प्यार
गुड़िया वही नवजात जिसे जन्म देने के 20 मिनट बाद ही मां अस्पताल के बेड पर लावारिस छोड़कर चली गई। सबने खोजा लेकिन नहीं मिली। पालनहार तो नहीं आई लेकिन नर्सों से नवजात गुड़िया को अपनों सा प्यार मिल रहा है।
जागरण संवाददाता, मथुरा: गुड़िया, वही नवजात जिसे जन्म देने के 20 मिनट बाद ही मां अस्पताल के बेड पर लावारिस छोड़कर चली गई। सबने खोजा, लेकिन नहीं मिली। पालनहार तो नहीं आई, लेकिन नर्सों से नवजात गुड़िया को अपनों सा प्यार मिल रहा है।
गुरुवार रात करीब नौ बजे जिला महिला अस्पताल में एक व्यक्ति के साथ महिला पहुंची। रात करीब सवा 11 बजे उसने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। करीब 20 मिनट बाद ही वह बच्ची को छोड़कर चली गई। बेबस गुड़िया को अस्पताल की स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट में रखा गया है। अस्पताल स्टाफ इसे गुड़िया कहने लगा है। मशीन पर रखी गुड़िया की आंखें जन्म देने वाली मां को ढूंढ रही हैं, लेकिन वह नहीं आई। यूनिट में स्टाफ नर्सों की तैनाती की गई है। नर्सों से उसे अपनों सा प्यार मिल रहा है। इस उम्मीद में कि शायद उसे छोड़ जाने वाली मां का दिल पसीज जाए और वह लौटकर बेटी को अपना ले।
शनिवार को जागरण की टीम पहुंची तो स्टाफ नर्स निशा गुड़िया को बिना निडिल की सिरिज से दूध पिला रही थी। निशा ने बताया कि गुड़िया को हम सब अपने बच्चों की तरह प्यार कर रहे हैं। हम ये चाहते हैं कि बेबस गुड़िया को उसका घर मिल जाए। अगर कोई पालनहार नहीं आया, तो बेटी को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के जरिए वात्सल्य ग्राम या अन्य स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा। महिला अस्पताल के नोडल अधिकारी डा. केके माथुर ने बताया कि स्टाफ गुड़िया का ध्यान रख रहा है। इसके लिए बच्ची को यहां से शिफ्ट करने के लिए चाइल्ड वेलफेयर कमेटी से संपर्क किया गया है। कमेटी की अध्यक्ष अर्चना वाष्र्णेय ने बताया किसोमवार को अस्पताल प्रशासन से संपर्ककर गुडिया को शिफ्ट करने की कार्रवाई की जाएगी। धौलीप्याऊ में खोजती रही पुलिस:
नवजात की मां ने अस्पताल के रजिस्टर में अपना पता नीतू निवासी धौलीप्याऊ लिखवाया था। शुक्रवार को शाम तक पुलिस धौलीप्याऊ में इस नाम की महिला को खोजती रही, लेकिन जानकारी नहीं हो सकी। पुलिस का कहना है कि मामले की सूचना दर्ज हो गई है।