Move to Jagran APP

धर्मरक्षा संघ ने मनाया संकल्प दिवस

अयोध्या में ढांचा विध्वंस की सालगिरह पर सोमवार को हिदूवादी संगठनों ने विभिन्न आयोजन किए। धर्म रक्षा संघ ने लड्डूगोपालजी का जलाभिषेक कर संकल्प दिवस के रूप में मनाया। श्रीकृष्ण जन्मभूमि निर्माण न्यास ट्रस्ट ने 6 दिसंबर 1992 अयोध्या में शहीद हुए कारसेवकों की आत्मशांति के लिए सुंदरकांड एवं हनुमान चालीसा का सस्वर पाठ किया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 05:33 AM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 05:33 AM (IST)
धर्मरक्षा संघ ने मनाया संकल्प दिवस
धर्मरक्षा संघ ने मनाया संकल्प दिवस

संवाद सहयोगी, वृंदावन: अयोध्या में ढांचा विध्वंस की सालगिरह पर सोमवार को हिदूवादी संगठनों ने विभिन्न आयोजन किए। धर्म रक्षा संघ ने लड्डूगोपालजी का जलाभिषेक कर संकल्प दिवस के रूप में मनाया। श्रीकृष्ण जन्मभूमि निर्माण न्यास ट्रस्ट ने 6 दिसंबर 1992 अयोध्या में शहीद हुए कारसेवकों की आत्मशांति के लिए सुंदरकांड एवं हनुमान चालीसा का सस्वर पाठ किया।

loksabha election banner

छटीकरा मार्ग स्थित चितामणि कुंज में धर्म रक्षा संघ ने निरंजनी अखाड़े के महंत डा. आदित्यानंद के सान्निध्य में संत, महंतों और धर्माचार्यों ने संकल्प दिवस के रूप में मनाया। समारोह में भगवान श्रीकृष्ण के विग्रह लड्डूगोपाल का जलाभिषेक एवं पंचामृत से स्नान कराया। अभिषेक के बाद भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मुक्त कराने का संकल्प लेकर संकल्प सिद्धि के लिए हवन किया। धर्म रक्षा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सौरभ गौड़ ने कहा, जब तक जन्मभूमि को मुक्त नहीं करा लेंगे, तब तक चैन से नहीं बैठेंगे। राष्ट्रीय संयोजक आचार्य बद्रीश और महंत मोहिनी बिहारी शरण ने कहा, 6 दिसंबर हिदुओं के शौर्य का प्रतीक है। महामंडलेश्वर स्वामी भास्करानंद ने कहा, मुस्लिम समाज आगे आकर श्रीकृष्ण जन्मभूमि को हिन्दुओं को सौंप दे। महंत डा. आदित्यानंद ने कहा श्रीराम जन्मभूमि की तरह श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति में बाधा नहीं आएगी। महामंडलेश्वर स्वामी रुद्रदेवानंद ने कहा, संघ एक साल में एक लाख धर्म योद्धा तैयार करेगा। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने कहा, कानूनी पक्ष पूरी तरीके से हमारे पक्ष में है। मस्जिद वाले स्थान पर भगवान श्रीकृष्ण का भव्य मंदिर बनेगा। महामंडलेश्वर स्वामी कृष्णानंद, महामंडलेश्वर स्वामी चित्तप्रकाशानंद, श्रीदास प्रजापति ने अदालत से सड़क तक संघर्ष का ऐलान किया। रविकांत गौतम, जगदीश शर्मा गुरुजी, महंत देवानंद, आचार्य रामानुजम, स्वामी वेदानंद, महंत रघुनाथ दास, महंत जगन्नाथ दास, स्वामी रमनरेती, स्वामी ब्रह्मचैतन्य, स्वामी मुक्तानंद, महामंडलेश्वर नवल योगी, श्रीधर आचार्य, विमल चैतन्य, सुबोधानंद मौजूद रहे। सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का किया पाठ

6 दिसंबर 1992 में हुतात्मा हुए कारसेवकों की आत्म शांति को श्रीकृष्ण जन्मभूमि निर्माण न्यास के पदाधिकारियों ने सुंदरकांड व हनुमान चालीसा का पाठ किया। न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य देवमुरारी बापू सहित संतों ने ढांचा विध्वंस दिवस को शौर्य दिवस के रूप में मनाया। शहीद हुए कारसेवकों की आत्मा की शांति के लिए अपने आवास पर पाठ किया। कहा, पुलिस ने आश्वासन दिया गया है कि घर से बाहर ना निकले, घर से बाहर पुलिस का पहरा है। इसलिए बाहर से संत नहीं आए, लेकिन हमारी भावना भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली पर भव्य मंदिर देखने की है। हमको कार सेवा करने का मौका मिले, हर हिदू का कर्तव्य बनता है कि आज के दिन को शौर्य दिवस के रूप में मना कर कारसेवकों की आत्मा शांति के लिए प्रार्थना करें। कहा, हमने अयोध्या रहकर श्रीराम जन्मभूमि निर्माण हेतु अयोध्या विवाद समझौता समिति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में कार्य करते हुए 5 हजार हिदू और 5 हजार मुस्लिमों से हस्ताक्षर करा कर सुप्रीम कोर्ट भेजे थे। जिसकी सफलता यह मिली थी, कि सुप्रीम कोर्ट ने भी समझौते के लिए छह महीने का समय दिया था। आज के दिन हम मुस्लिम समाज से भी अपील करते हैं, कि आपसी भाईचारा के लिए वह भी शाही ईदगाह मस्जिद को श्रीकृष्ण जन्मस्थान हिदुओं को सौंप दें। इससे पहले काशी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के पक्षकार मुसलमानों ने काशी विश्वनाथ को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर समर्पित कर दिया। नागा कुणाल गिरी निरंजनी अखाड़ा, रामकुटी के महंत देवदास, मुनेश अग्रवाल मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.