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ढील न लगा दे विप्रा को 10 करोड़ की चपत

पवन निशान्त, मथुरा: मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण में इंजीनियरों की डग्गेमारी पर लगाम लग गइ

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Sep 2017 11:44 PM (IST)Updated: Sat, 09 Sep 2017 11:44 PM (IST)
ढील न लगा दे विप्रा को 10 करोड़ की चपत
ढील न लगा दे विप्रा को 10 करोड़ की चपत

पवन निशान्त, मथुरा: मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण में इंजीनियरों की डग्गेमारी पर लगाम लग गई और सख्ती से शमन शुल्क लगाकर विकास शुल्क की वसूली की गयी तो प्राधिकरण वर्तमान वित्तीय वर्ष में करीब 10 करोड़ अतिरिक्त राजस्व हासिल कर सकता है। प्राधिकरण क्षेत्र में डेढ़ सौ से ज्यादा अवैध निर्माण चल रहे हैं। ये वे हैं जिन्हें पर्दे के पीछे से संरक्षण मिला हुआ है। इससे प्राधिकरण को भारी राजस्व नुकसान हो रहा है। मंडलायुक्त के. राम मोहन राव ने पिछली बोर्ड बैठक में अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्त रुख अपनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद प्रभारी सचिव और एडीएम वित्त ने अभियंताओं का डेली चार्ट भी बनाया, लेकिन इससे भी कोई असर नहीं पड़ा है। हालत यह है कि विप्रा के हर क्षेत्र में अवैध निर्माणों की बाढ़ आई हुई है। औरंगाबाद के एक साइड में कई मार्केट निर्माणाधीन हैं तो दूसरी तरफ एक ऐसी मार्केट में अब आंतरिक निर्माण कार्य चल रहा है, जो दो बार सीज हो चुका है। यह मार्केट एक बार पहली मंजिल की छत पड़ने के समय विप्रा ने सील की, लेकिन दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई, सो सील लगी रही और मार्केट बनती गयी। एक बार फिर इस मार्केट को दूसरी मंजिल के निर्माण पर सीज किया गया, लेकिन निर्माण नहीं रोका जा सका। इसी तरह हाईवे पर बाजना पुल के पास एक मार्केट सील लगे-लगे न केवल बन गयी है, बल्कि उसे किराये पर उठा भी दिया गया है।

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इसी तरह भरतपुर गेट से बलदेव आश्रम रोड पर कुछ मार्केटों का निर्माण चल रहा है तो डेंपियर नगर में भी अवैध निर्माण धड़ल्ले से हो रहा है। गो¨वद नगर व महाविद्या में अवैध निर्माण अधिकारियों की नजर में हैं, पर अवर और सहायक अभियंता उनकी आंखों में धूल झोंकने में लगे हुए हैं। प्रवर्तन लिपिक ही कई फाइलों को दबाकर बैठा हुआ है, जिसकी वजह से अवैध निर्माणों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है। विप्रा सूत्रों की मानें तो डेढ़ सौ से अधिक अवैध निर्माणों को इंजीनियरों ने अभय दान दिया हुआ है। इनसे शमन और विकास शुल्क का करीब 10 करोड़ के राजस्व का नुकसान हो रहा है।

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विकास प्राधिकरण के कामकाज की पारदर्शिता के लिए मैं अपना ट्विटर हैंडल खोलने वाली हूं। अवैध निर्माण से लेकर अन्य तरह की विप्रा संबंधी शिकायतें कोई भी व्यक्ति उस पर दर्ज करा सकता है और हम तत्काल उस पर कार्रवाई करेंगे। अवैध निर्माण नहीं होने दिए जाएंगे। सोमवार को अवैध निर्माणों की सूची भी तैयार कराई जाएगी और कार्रवाई होगी।

यशु रुस्तगी

उपाध्यक्ष

मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण, मथुरा

बिना नवीकरण ले रहे ठेका

मथुरा: विप्रा में गोरखधंधे और भी हैं। विप्रा ने वर्तमान में कुछ निविदाएं निकाली हुई हैं, जबकि अप्रैल से किसी ठेका फर्म का नवीनीकरण नहीं किया गया है। नियमानुसार कोई भी फर्म नवीनीकरण कराए बिना निविदा प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकती है। उपाध्यक्ष यशु रुस्तगी ने इस मामले को नजरंदाज किया तो निविदाओं का मामला हाईकोर्ट भी पहुंच सकता है।

नियमों को ठेंगा दिखा हुए काम

मथुरा: पिछले विधानसभा चुनाव से पहले अधिकारियों ने सरकारी धन को ठिकाने के लिए न केवल ताबड़तोड़ निविदाएं निकाली, बल्कि इनमें ज्यादातर सपाई ठेकेदारों को काम दिया गया, जिन्होंने मानकों को ताक पर रखकर कार्य पूरा कराया। आनंद वन फेज टू में तो विप्रा ने एक नाला अपने चहेते की कोठी बचाने के लिए बीच सड़क से ही निकाल दिया। इसकी अधो मानक गुणवत्ता की शिकायत भी हुई, जो दबा दी गयी।


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