दीपावली मनाने कान्हा की नगरी पधारते हैं देव
कार्तिक मास की अमावस्या(14 नवंबर) को दीपावली के बाद अब देवगण कार्तिक पूर्णिमा(30 नवंबर) को दीपावली मनाने कान्हा की नगरी पधारेंगे।
जासं, मथुरा: कार्तिक मास की अमावस्या(14 नवंबर) को दीपावली के बाद अब देवगण कार्तिक पूर्णिमा(30 नवंबर) को दीपावली मनाने कान्हा की नगरी पधारेंगे। संत-महंतों और श्रद्धालुओं ने इस उत्सव के लिए जोरदार तैयारियां की हैं। देवालयों और यमुना घाटों पर दीपदान किया जाएगा।
विद्वजन बताते हैं कि देवताओ की पुकार पर शिवजी ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध किया था। इस खुशी में देवताओं ने कार्तिक मास की पूर्णिमा पर शिवजी की नगरी काशी में दीपावली मनाई थी। देव दीपावली तब से ही मनाई जा रही है।
वृंदावन स्थित राधा दामोदर मंदिर के सेवायत कनिका प्रसाद गोस्वामी बताते हैं कि देवोत्थान एकादशी पर देव जागते हैं, इसकी खुशियां कार्तिक पूर्णिमा पर देव दीपावली के रूप में मनाई जाती हैं। ब्रज में ये परंपरा प्राचीन काल से मनाई जा रही है। मंदिरों में दीपदान के साथ अब तो पटाखे भी छुड़ाए जाने लगे हैं। इस उत्सव में हर ब्रजवासी शामिल होता है। यही कारण है कि ब्रज में यमुना के घाटों पर भी वृहद स्तर पर दीपदान होता है। ब्रजवासी इसलिए भी मनाते हैं त्योहार
ब्रज संस्कृति शोध संस्थान के सचिव लक्ष्मीनारायण तिवारी कहते हैं कि मान्यता है कि मृत्युलोक में जब दीपावली मनाई गई, तब भगवान विष्णु सो रहे थे। इसलिए देवोत्थान एकादशी के बाद पड़ी पूर्णिमा को देव दीपावली मनाई जाती है। वह कहते हैं कि ब्रज खासकर वृंदावन में देव दीपावली मनाने का एक महत्व ये भी है कि शरद पूर्णिमा पर भगवान श्रीकृष्ण ने महारास की शुरुआत की थी। कार्तिक पूर्णिमा पर महारास का समापन हुआ था। इसलिए इसकी खुशी में ब्रजवासी देव दीपावली मनाते हैं। साधन और नियम सेवा का महीना है कार्तिक
ब्रज संस्कृति शोध संस्थान के सचिव लक्ष्मी नारायण तिवारी बताते हैं कि कार्तिक महीना साधना और नियम सेवा का है। इस माह पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बुंदेलखंड समेत अनेक प्रांतों के श्रद्धालु यहां आकर नियम सेवा करते हैं। मंगला आरती से लेकर दिनभर दर्शन, परिक्रमा, आरती, शाम को दीपदान और शयन आरती तक की सेवा करते हैं। इस अनुष्ठान की पूर्णाहुति कार्तिक पूर्णिमा के दिन होती है, जिसे ब्रज में रास पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। मंदिरों और घाटो पर आज दीपदान
मथुरा: सोमवार को ब्रज में धूमधाम से देव-दीपावली मनाई जाएगी। वृंदावन के सप्त देवालयों में इसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। श्रद्धालु यहां आकर दीपदान करेंगे। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में भी श्रद्धालु दीपदान करेंगे। यमुना के घाटों पर भी श्रद्धालु दीपदान करेंगे।