कांग्रेसी बोले, प्रियंका के साथ नहीं की गई अभद्रता
पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी के आगे भिड़ गए थे कांग्रेसी शायद मथुरा से टिकट न मिलने से नाराज थीं पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता
मथुरा, जागरण संवाददाता। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर शिवसेना का हाथ थाम लिया। इसके बाद मथुरा में हुई पत्रकार वार्ता में उनके साथ हुई अभद्रता के प्रकरण को एक बार फिर हवा मिल गई है। कांग्रेसियों का कहना है कि प्रियंका चतुर्वेदी से कोई अभद्रता नहीं की गई थी, केवल अपनी बात रखी थी। उन्होंने जिन पर आरोप लगाए हैं, उनमें कुछ लोग तो मौजूद ही नहीं थे।
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने राफेल प्रकरण में पिछले वर्ष सितंबर में एक स्थानीय होटल में पत्रकार वार्ता की थी। इसमें स्थानीय कांग्रेसी उनके सामने ही भिड़ गए थे। प्रियंका चतुर्वेदी का आरोप है कि स्थानीय कांग्रेसियों ने उनके साथ अभद्रता की थी। इस प्रकरण में प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने कार्यवाहक जिलाध्यक्ष अशोक सिंह चकलेश्वर, प्रदेश महासचिव उमेश पंडित, पूर्व पीसीसी सदस्य मास्टर प्रताप सिंह, पूर्व पीसीसी सदस्य गिरधारीलाल पाठक, एआईसीसी सदस्य यतेंद्र मुक्कदम, तत्कालीन एनएसयूआई जिलाध्यक्ष प्रवीण ठाकुर के साथ ही भूरी सिंह जायस को नोटिस जारी किया था। उक्त कांग्रेसियों ने स्पष्टीकरण दिया था कि प्रियंका चतुर्वेदी से किसी तरह की अभद्रता नहीं की गई। उनके आरोप गलत हैं। कांग्रेसियों का कहना है कि प्रियंका शायद मथुरा से चुनाव लड़ने की इच्छुक थीं और टिकट न मिलने से नाराज थीं। इसलिए चुनाव के समय यह मुद्दा उठाया गया है। मथुरा से चुनाव लड़ने की इच्छुक थीं। टिकट न मिलने से नाराज हो गईं। इसलिए यह मुद्दा उठाया है। किसी से कोई अभद्रता नहीं की है।
अशोक सिंह चकलेश्वर, कार्यवाहक जिलाध्यक्ष राष्ट्रीय प्रवक्ता के साथ अभद्रता करने की हमारी हिम्मत नहीं है। उस समय वह बहुत बड़ी नेता थीं। उन्होंने गलत आरोप लगाए। हमने केवल अपनी बात रखी थी।
प्रवीन ठाकुर, तत्कालीन जिलाध्यक्ष एनएसयूआई जिस समय प्रियंका पत्रकार वार्ता कर रहीं थीं, मैं मौजूद ही नहीं था। पार्टी की अनुशासन समिति तक मामला पहुंचा था। उनको अपनी जगह जाना था, शायद इसलिए उन्होंने यह आरोप लगाए हैं।
उमेश पंडित, प्रदेश महासचिव पत्रकार वार्ता के समय केवल 10-15 मिनट ही होटल में रहा था। मेरे सामने तो कुछ हुआ ही नहीं था। उन्होंने आरोप क्यों लगाए हैं, यह समझ नहीं आया है।
यतेंद्र मुक्कदम, एआईसीसी सदस्य