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वादों के नाम पर ठगा हुआ महसूस कर रही जनता

चौपाल में लोगों ने कहा कि प्रत्याशी चयन में दलों जनता और कार्यकताओं की भावना को किया जाता है नजरंदाज

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Apr 2019 12:03 AM (IST)Updated: Tue, 09 Apr 2019 06:22 AM (IST)
वादों के नाम पर ठगा हुआ महसूस कर रही जनता
वादों के नाम पर ठगा हुआ महसूस कर रही जनता

मथुरा, जासं। चुनाव में जनता वादों के नाम पर अपने को ठगा महसूस करती है और अपने निर्णय को लेकर अफसोस भी कर रही है। अब तक की चुनावी सियासत सच यही है। हमें सक्रिय रूप से लोकतंत्र के इस महापर्व में भाग लेना चाहिए। एक-एक वोट महत्वपूर्ण होता है। वोट हम अपनी उम्मीदों के लिए देते हैं, यह अलग बात है कि जीतने के बाद जनप्रतिनिधि हमारी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरते।

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हर वार वोट देने के आधार बदल जाता है। कभी पार्टी तो कभी प्रत्याशी और कभी मुद्दों पर वोट देते हैं। सोमवार को यह बात महेंद्र प्रताप नगर में आयोजित जागरण की चुनावी चौपाल में शामिल हुए लोगों ने रखी।

चौपाल में चर्चा करते हुए कहा कि बहुत हो चुकी वादाखिलाफी। करें क्या प्रत्याशियों का चयन करते हुए जनभावनाओं और कार्यकर्ताओं की भावनाओं का नजर अंदाज किया जाता है। तब ऐसे में किसी एक को चुनना जनता की मजबूरी बन जाता है। एक दशक से बीएसए इंजीनियरिग और जनकपुरी की रोड के बदतर हालात किसी से छिपे नहीं है। जनता की गुहार के बाद भी किसी भी जनप्रतिनिधि ने कोई पहल नहीं किसी और न शहर बारिश में जलभराव से मुक्त हुआ। इस बार वोट देने से पहले प्रत्याशी को योग्यता, क्षमता और छवि के आधार पर कसौटी पर कसेंगे फिर वोट देंगे।

चर्चा में योगेंद्र नौहवार, सुरेखा चौधरी, काजल, पूजा शर्मा, मेघा , सुरभि गुप्ता, गीता सारस्वत, राजकुमारी, रंजना शर्मा, दान सिंह, जवाहर सिंह, गंगाराम सिकरवार, विकास चौधरी आदि ने भाग लिया। शहर में जिस तरह महिलाओं के साथ घटनाएं हो रही हैं, उससे देखते हुए सामाजिक सुरक्षा की गारंटी जरूरी है। एसिड अटैक से जब वर्दी वाली सुरक्षित नहीं, तो सामान्य महिलाओं की क्या बिसात।

सुरेखा चौधरी यह सही है कि महिला शिक्षा का प्रसार तो हुआ है, पर उस हिसाब से शिक्षित महिलाओं के लिए रोजगार के साधन नहीं हैं। महिला रोजगार की दिशा में सार्थक प्रयास होने चाहिए। भावना गौतम किसान की तरक्की के बिना देश की तरक्की संभव नहीं है, किसानों की योजना सीधे किसानों तक पहुंचे। उन्हें उनकी उपज का वाजिब मूल्य मिलना चाहिए। तभी देश सच्ची तरक्की करेगा।

गंगाराम सिकरवार युवाओं को लेकर इस देश में अभी तक कोई व्यवहारिक नीति नहीं बनी, यही वजह है कि आज बड़ी संख्या में शिक्षित युवा बेकार घूम रहा है उनकी ऊर्जा का लाभ देश और समाज को नहीं मिल पा रहा।

विकास चौधरी


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