बच्चे और बुजुर्गों के लगाए आधार, हड़प ली छात्रवृत्ति
समाज कल्याण अधिकारी तीन कर्मचारी समेत 62 निजी आइटीआइ के खिलाफ दर्ज हो चुकी है रिपोर्ट बलदेव विधायक के शिकायत करने के बाद छात्रवृत्ति की शुरू हुई थी जांच
जागरण संवाददाता, मथुरा: निजी आइटीआइ में हुए छात्रवृत्ति घोटाला में रोज नई-नई बात सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि जिन निजी आइटीआइ के खिलाफ एफआइआर दर्ज हुई है। उन्होंने बच्चे और बुजुर्गों के आधार कार्ड लगाकर छात्रवृत्ति हड़प ली है।
जिले में हुए छात्रवृत्ति घोटाला अब चर्चा का विषय बना हुआ है। क्योंकि वर्ष 2016-17 से लेकर अब तक हर वर्ष छात्रवृत्ति में करोड़ों रुपये का घोटाला होता रहा और जिम्मेदार चुप्पी साधे रहे। हालांकि विधायक की शिकायत के बाद जांच शुरू हुई। प्रथम चरण में 11 निजी आइटीआइ दोषी पाए गए, जिन्होंने 23 करोड़ रुपये का घोटाला किया। इसके बाद जिला समाज कल्याण अधिकारी, तीन कर्मचारी तथा 62 आइटीआइ के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जा चुकी है। जबकि तीन अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज होने के आदेश जारी किए गए हैं। इन तीनों निजी आइटीआइ पर फर्जी बैंक गारंटी लगाए जाने का आरोप है। इसी दौरान एक नई बात सामने आई, जिसमें बताया गया कि छात्रवृत्ति में दिखाए गए फर्जी छात्रों के आधार कार्ड में भी फर्जीवाड़ा किया गया है। जांच में पाया गया है कि कोई आधार दो वर्ष के बच्चे का लगा दिया गया है तो कोई आधार 60 वर्ष के बुजुर्ग का है। विभागीय अधिकारी और कर्मचारी अभी मामले की जांच पूरी होने की बात कह रहे हैं। उल्लेखनीय है कि विधायक की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने अब एमबीए, बीबीए, बीसीए के शिक्षण संस्थानों को वर्ष 2017-18 से अब तक मुहैया कराई गई छात्रवृत्ति की जांच करने के लिए टीम का गठन कर दिया है। - आधार का नंबर नहीं किया जाता फीड-
जानकारों ने बताया कि छात्रवृत्ति में जिनके आधार कार्ड लगाए जाते हैं। उनके आधार का नंबर नहीं फीड किया जाता। सिर्फ आधार को स्कैन किया जाता है। कोई ऐसा साफ्टवेयर नहीं है, जो फोटो अलग होने पर आपत्ति दर्ज कराए। इसका ही निजी विद्यालय संचालक फायदा उठाते हैं। लेकिन अब आधार कार्ड का नंबर फीड किए जाने की बात कही जा रही है। - छात्रवृत्ति घोटाला की जांच शासन स्तर से की जा रही है। टीमों का गठन कर दिया गया है। जल्द ही टीम मथुरा पहुंचकर जांच को आगे बढ़ाने का काम करेंगे। जांच में सब कुछ साफ हो जाएगा।
डा. नितिन गौड़, सीडीओ