दलगत राजनीति ने ऊपर उठकर हो जिले का विकास
सियासत में अल्पसंख्यक समुदाय सिर्फ वोट बनकर रह जाते हैं
मथुरा, जासं। जिले का सांसद कोई भी बने पर उसे दलगत राजनीति से ऊपर उठकर स्थानीय विकास में सभी वर्गों का ध्यान रखना होगा। मौजूदा सियासत में अल्पसंख्यक समुदाय सिर्फ वोट बनकर रह जाते हैं। इसके लिए सभी दल समान रूप से दोषी है। मुस्लिम समुदाय की सबसे बड़ी समस्या शिक्षा की है। चुनावों जीतने के बाद हमसे किए गए वादे भुला दिए जाते हैं। स्वच्छता की बातें ज्यादा हो रही है, पर शहर में इसकी हकीकत कुछ और है। जनता के बीच काम करने वाले व्यक्ति को ही प्रत्याशी के रूप में तरजीह दी जानी चाहिए।
ये विचार शनिवार को भूतेश्वर क्षेत्र में आयोजित जागरण की चुनावी चौपाल में मुस्लिम समाज के लोगों ने बेबाकी के साथ व्यक्त किए। उनकी बातों में सियासी उपेक्षा का दर्द छलक रहा था। भावी सांसद को लेकर अधिकांश लोगों का कहना था कि हमारा सांसद ऐसा हो जो हर वर्ग की समस्याओं से बखूबी वाकिफ हो और अपने वादों को लेकर ईमानदार हो। शहर में गंदगी, जाम और यमुना शुद्धीकरण के सवाल आज भी मुंह बाएं खड़े हैं। आजादी के सात दशक बाद भी मुस्लिम समुदाय शिक्षा और रोजगार में पिछड़ा हुआ है। जो भी सांसद बने वह दलगत राजनीति से ऊपर उठकर जिले के विकास और जनता की समस्याओं का समाधान दे। शहर को जाम कि समस्या से निजात दिला सके, यमुना को स्वच्छ बना सके। चौपाल में शिरकत करने वालों में चौधरी सईइ, साजिद इकबाल, अजमल भाई, मोहम्मद इरसाद, गुड्डू खान, वकार अहमद, नाजिम खान, मोहम्मद यामीन, हाजी फारुक, हाजी लाल आदि थे।