सौंदर्य व धर्म का बेजोड़ संगम नजर आएगा चंद्र सरोवर
4.32 करोड़ से ब्रज तीर्थ विकास परिषद करा रहा सुंदरीकरणश्रीकृष्ण की महारास स्थली महाकवि सूरदास की साधना स्थली है चद्र सरोवर
रसिक शर्मा, गोवर्धन (मथुरा) : प्रकृति ने ब्रजभूमि को प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिकता विरासत में दी है। उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद इन विरासतों को सहेजने में जुटा है। भगवान श्रीकृष्ण की महारास स्थली और महाकवि सूरदास की साधना स्थली चंद्रसरोवर का अब सुंदरीकरण होगा। इसके लिए सवा चार करोड़ रुपये खर्च होंगे।
गोवर्धन से दो किमी दूर भरतपुर मार्ग स्थित सूर साधना स्थली को चंद्र सरोवर, परासौली, महमदपुर के नाम भी जाना जाता है। यहां महारास स्थल, चंद्र सरोवर, रास चबूतरा, सूर कुटी, सूर साधना स्थली, सूरदास का समाधि स्थल, बैठक आदि महत्वपूर्ण स्थल हैं। उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने चंद्रसरोवर को आकर्षक बनाने की योजना बनाई है। जिला पर्यटन अधिकारी डीके शर्मा ने बताया कि 4 करोड़ 32 लाख की लागत से यहां सोलर लाइटें लगाई जा रही हैं, इससे स्थली जगमगाती रहेगी। मुक्ताकाशीय मंच तैयार कराया जा रहा है। कुंड के किनारे स्थापित अष्टछाप के कवियों की मूर्ति पर रोशनी के विशेष प्रबंध होंगे। कवियों के बारे में जानकारी देते बोर्ड, स्थली के इतिहास की जानकारी देते शिलालेख, वाचनालय और पर्यटकों की सुविधा को 40 गाड़ियों की पार्किंग, टायलेट ब्लाक, कैंटीन ब्लाक, परिक्रमा मार्ग का सुंदरीकरण, शेल्टर होम बनवाकर एतिहासिक स्थली का विकास किया जा रहा है।
राजस्व गांव महमदपुर को चंद्र सरोवर और परासौली भी कहा जाता है। सूर साधना स्थली और महारास स्थली के अलावा इसे पराशर ऋषि की भूमि के कारण परासौली भी कहा जाता है। इसके अलावा यह भी मान्यता है कि यहां पलाश के वृक्ष की अधिकता थी। इसलिए इसे परासौली के नाम से जाना जाता है। एसडीएम राहुल यादव के अनुसार प्रशासन ने महमदपुर का नाम बदलकर परासौली बनाने का प्रस्ताव भेजा है।