वृंदावन में श्रद्धालुओं की मुसीबत बढ़ा रहे बेसहारा पशु
मंदिरों से निकलते श्रद्धालुओं की माला प्रसाद पर झपट्टा मारकर कर रहे चोटिल
वृंदावन, जासं। तीर्थनगरी वृंदावन में पशुपालकों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही, न ही नगर निगम छुट्टा पशुओं पर शिकंजा कसने में कामयाब हो सका है। सरकारी गोशाला स्थापित होने के बावजूद मंदिरों के आसपास खुली सड़क पर विचरण करते छुट्टा पशु अब लोगों की मुसीबत बढ़ाते नजर आ रहे हैं। भोग प्रसाद, माला अथवा खाने-पीने की वस्तुओं पर झपट्टा मारते पशु कई बार लोगों को चुटैल भी कर रहे हैं। बांकेबिहारी मंदिर पर श्रद्धालुओं के लिए सबसे बड़ी मुसीबत छुट्टा पशु बने हुए हैं।
वृंदावन बंदरों के आतंक से पहले से ही ग्रसित है। साथ ही ठा. बांकेबिहारी मंदिर से लेकर विद्यापीठ चौराहा तक दर्जनों छुट्टा पशु श्रद्धालुओं के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं। मंदिर से माला अथवा प्रसाद लेकर बाहर निकले श्रद्धालु समझ भी नहीं पाते कि गाय, सांड़ अथवा दूसरे छुट्टा पशु उसपर झपट्टा मारते दिखाई देते हैं। इन पशुओं से बचने के लिए श्रद्धालु इधर-उधर बचने की कोशिश में कई बार सड़क पर गिरकर चुटैल अथवा घायल भी हो जाते हैं। नगर निगम ने कई बार पशुओं को पकड़ने का अभियान चलाया। लेकिन कामयाबी हासिल नहीं हो सकी है। नगर निगम के अपर नगर आयुक्त सतेंद्र कुमार तिवारी कहते हैं कि सरकार द्वार बनवाई गई गोशाला में सड़क पर विचरण करने वाले करीब साढ़े नौ सौ गोवंश को रखा गया है। बावजूद इसके गोपालक अपने पशुओं को सुबह दूध दुहने के बाद छोड़ देते हैं। एकबार फिर से पशुओं को पकड़ने का अभियान चलाया जाएगा।