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प्रशासन के संरक्षण में गायब हुई संकर्षण कुंड की सुंदरता

गोवर्धन जागरण संवाददाता। गिरिराज परिक्रमा मार्ग स्थित संकर्षण कुंड फिर से बदहाल स्थिति में पहुंच गया है। इसका जल फिर से प्रदूषित हो गया है और रखरखाव के मामले में जिला प्रशासन उदासीन बना हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Feb 2019 11:48 PM (IST)Updated: Thu, 28 Feb 2019 11:48 PM (IST)
प्रशासन के संरक्षण में गायब हुई संकर्षण कुंड की सुंदरता
प्रशासन के संरक्षण में गायब हुई संकर्षण कुंड की सुंदरता

जागरण संवाददाता, गोवर्धन: गिरिराज परिक्रमा मार्ग स्थित संकर्षण कुंड फिर से बदहाल स्थिति में पहुंच गया है। इसका जल फिर से प्रदूषित हो गया है और रखरखाव के मामले में जिला प्रशासन उदासीन बना हुआ है।

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आन्यौर में पुरातन व बदहाल संकर्षण कुंड का सुंदरीकरण द ब्रज फाउंडेशन ने करीब पांच साल के अथक प्रयास और करीब साढ़े तीन करोड़ की लागत से कराया था। आंध्र प्रदेश के संत जीआर चिन्नास्वामी के सहयोग से तिरुपति बालाजी में 50 लाख की लागत से भगवान संकर्षण की 24 फीट ऊंची मूर्ति बनवाई। इसे 12 फीट ऊंचे पोडियम पर स्थापित किया गया। कुंड के चारों तरफ विभिन्न पौधे रोपे और रखरखाव को कर्मचारी भी नियुक्त किए।

इस बीच विगत वर्ष मई में तत्कालीन एसडीएम डीपी सिंह ने कुंड पर कब्जे का आरोप लगाते हुए द ब्रज फाउंडेशन के प्रबंधन को समाप्त कर इसे ग्राम पंचायत को सौंप दिया। बजट के अभाव में अब संकर्षण कुंड पुराने बदहाल स्वरूप में तब्दील हो रहा है। कुंड का जल तैरती गंदगी की मोटी परत के साथ प्रदूषित हो चुका है। पौधे सूख गए हैं, जिससे हरियाली नष्ट होने के कगार पर है। आदिकाल से मंदिर, कुंड व जलाशय आदि का रखरखाव धार्मिक संस्थाओं के सहयोग से होता आया है। एनजीटी में झूठी रिपोर्ट देकर प्रशासन ने गुमराह कर दिया था। जल्द ही कानूनी प्रक्रिया के तहत द ब्रज फाउंडेशन दुबारा कुंड का रखरखाव कर इसे सौंदर्य प्रदान करेगा।

विनीत नारायण, द ब्रज फाउंडेशन बजट के अभाव में रखरखाव मुश्किल हो रहा है। कुंड की बदहाली से कई बार उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है। पंचायत स्तर पर तीन कर्मी तैनात कर रखे हैं।

सतीश कुमार, प्रधान प्रतिनिधि, आन्यौर


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