हवा और पानी ने खेतों में बिछा दी सरसों
नुकसान के आंकलन को तहसील बार पांच-पांच सदस्यीय टीम गठित, कैबिनेट मंत्री के प्रतिनिधि ने छाता क्षेत्र के कई गांवों में देखी फसलें
मथुरा, जासं। मौसम दूसरे दिन मंगलवार को भी खराब रहा। इससे पहले सोमवार रात को हवा पानी के गठबंधन ने फलियों से लदी खड़ी सरसों की फसल को खेतों में बिछा कर रख दिया। किसान दस-पंद्रह फीसद तक नुकसान की संभावना व्यक्त कर रहे हैं। नुकसान के आंकलन के लिए तहसील स्तर पर पांच-पांच सदस्यीय टीम का गठन किया है।
आज सूर्य के दर्शन कम हुए। अधिकांश समय बादल छाए रहे। सर्द हवाएं चलती रही। दोपहर में अंधेरा छा गया। केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान मखदूम के तापमापी पर दिन के तापमान में आठ डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई, जबकि रात को तापमान ने छह डिग्री सेल्सियस की छलांग भर कर पारा दस डिग्री सेल्सियस पर जाकर ठहरा। मौसम के बिगड़ने के बाद रात को ही दुग्ध विकास मंत्री ने डीएम सर्वज्ञराम मिश्र से फसलों में हुए नुकसान का आंकलन करने के लिए कहा था, इसके साथ ही अपने बतौर प्रतिनिधि जिला पंचायत सदस्य नरदेव चौधरी को फसलों का निरीक्षण के लिए गांव कामर, हुलवाना, बठैन कला, गिडोह, बरछावली, राजागढ़ी, नंदगांव, कोटवन, कामर समेत आदि गांवों भेजा। नरदेव चौधरी ने बरसात से फसलों के प्रभावित होने की जानकारी दी है। उपकृषि निदेशक धुरेंद्र कुमार ने बताया कि एसडीएम, तहसीलदार, अधिकृत बीमा कंपनी के कर्मचारी, कृषि विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक टीम में शामिल किए गए हैं। 72 घंटे में दें जानकारी
उपकृषि निदेशक ने बताया कि टोल फ्री नंबर 18002093536 पर किसान फसलों में हुए नुकसान की 72 घंटे के अंदर जानकारी दे दें। ताकि गठित की गई टीम मौके पर जाकर मुआयना कर सके। निर्धारित समय अवधि में जानकारी नहीं देने पर फसल बीमा का क्लेम में दिक्कतें आ सकती हैं।