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अफसरों की आरामतलबी, गंदगी से अटा शहर

जागरण संवाददाता, मथुरा: भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा-वृंदावन में जगह-जगह गंदगी बिखरी पड़

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Jun 2018 06:48 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jun 2018 07:56 AM (IST)
अफसरों की आरामतलबी, गंदगी से अटा शहर
अफसरों की आरामतलबी, गंदगी से अटा शहर

जागरण संवाददाता, मथुरा: भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा-वृंदावन में जगह-जगह गंदगी बिखरी पड़ी है। कचरे से बजबजाती नालियां और कूड़े से पटे पड़े नालों की दुर्गध से तीर्थयात्री व स्थानीय जनता बेहाल है। नगर निगम बनने के बाद भी यहां के हालात में कोई सुधार नहीं आया। यही कारण है कि स्वच्छता सर्वेक्षण में जिले को देश भर में कोई स्थान नहीं मिल पाया।

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मथुरा-वृंदावन नगर निगम बेशक बन गया हो, मगर अधिकारियों का रवैया यहां अफसर वाला है तो कर्मचारी अब तक नगर पालिका वाली भूमिका से बाहर नहीं आ पा रहे हैं। अफसर दिन भर एसी में बैठे नजर आते हैं तो कर्मचारी मौजमस्ती में। नतीजा शहर में कूड़ा सड़ रहा है। ताज्जुब की बात तो यह है कि निगम अधिकारियों को शहर के नालों की लोकेशन तक नहीं पता। वे सिर्फ नालों की सफाई में कागजी घोड़े दौड़ा रहे हैं। इससे शहर को बारिश में जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ता है।

शहर के प्रमख क्वालिटी तिराहे वाले नाले की बात करें तो यहां मार्केट बनने से यह नाला नेपथ्य में चला गया है। मार्केट के पीछे नाला गंदगी से अटा है। इसके समीप ही निगमकर्मियों और मोहल्ले के लोगों ने खत्ताघर बना रखा है। उस पर भी अतिक्रमण से पानी निकलने को जगह ही नहीं बची है। ऐसे में बारिश में यहां जलभराव हो सकता है। -शहर को तब तक जलभराव की समस्या से निजात नहीं मिल सकती है, जब तक कि उसकी तली झाड़ सफाई नहीं कराई जाए। मशीनों से यह सफाई संभव नहीं है, कारण मशीन ऊपर से गंदगी तो हटा देती है, लेकिन पुलिया के नीचे सफाई नहीं कर सकती, उसके लिए मजदूरों को ही नाले में उतारना पड़ेगा।

-वीरेंद्र अग्रवाल, पूर्व चेयरमैन, नगर पालिका परिषद मथुरा -पोकलैंड मशीन और जेसीबी से नालों की सफाई कराई जा रही है। मसानी और रामलीला मैदान से गुजरने वाले नालों की सफाई कराई जा चुकी है। जहां भी जरूरत पड़ेगी नालों में मशीनों से सफाई कराई जाएगी।

सुशीला अग्रवाल, अपर नगर आयुक्त

ऐसे डस्टबिन किस काम के जनाब

(फोटो..1, 2)

शहर में सौंख रोड, मसानी, डीग गेड, होली गेट आदि स्थानों पर निगम ने गीला और सूखा कचरा के लिए डस्टबिन लगवाए हैं। डीग गेट से मसानी तक लगे अधिकांश डस्टबिन गायब हो चुके हैं। इससे इनकी स्थापना पर सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं डस्टबिन खाली न होने पर लोग उसके आसपास ही कूड़ा डालते हैं। -सांसद हेमामालिनी की निधि से डीग गेट से मसानी तक डस्टबिन लगवाए गए थे। कई जगह पर लोग इन्हें उखाड़ ले गए हैं, इससे उनकी मंशा का पता चलता है।

जनार्दन शर्मा, पीआरओ, सांसद

कॉलोनियों में लोगों ने रखे प्राइवेट सफाई कर्मी (फोटो..23, 24, 25)

मथुरा: निगम के पास करीब 400 सफाई कर्मचारी स्थाई हैं और डूडा द्वारा उपलब्ध कराए 125 बैकलॉग कर्मचारी। इतने ही कर्मचारी ठेके पर हैं। दुर्भाग्य की बात है इसमें से आधे ही कर्मचारी काम पर पहुंते हैं। शहर की अनेक कॉलोनियों में सात-आठ दिन में एक बार कर्मचारी सफाई को पहुंचते हैं। मजबूरन लोगों को प्राइवेट कर्मचारियों से सफाई करानी पड़ती है। -कॉलोनी में बचपन से रह रहे हैं, कभी नगर निगम के सफाई कर्मचारी को यहां सफाई करते नहीं देखा। प्राइवेट सफाई कर्मचारी लगा रखा है, वही सफाई करता है। नगर निगम बनने के बाद भी यदि लोगों को गंदगी और जलभराव से भी निजात नहीं पाए तो यह दुर्भाग्य है।

पवन अग्रवाल, व्यापारी -कॉलोनी में पार्क के लिए खाली पड़े प्लाट में पानी भरकर ओवरफ्लो हो रहा है, कई बार निगम में शिकायत करने गए पर कोई सुनने वाला नहीं है। आखिर लोग किससे अपनी फरियाद करें। ऐसा लगता है जैसे यह नगर निगम न होकर नरक निगम बना दिया गया है।

औसाफ, व्यापारी


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