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राधे! मांगे एक वरदार, दो हमको संतान, दंपतियों ने किए स्नान

राधाकुंड के अहोई स्नान को उमड़ा श्रद्धा का सैलाब, आज भी होगा स्नान

By JagranEdited By: Published: Wed, 31 Oct 2018 11:22 PM (IST)Updated: Wed, 31 Oct 2018 11:22 PM (IST)
राधे! मांगे एक वरदार, दो हमको संतान, दंपतियों ने किए स्नान
राधे! मांगे एक वरदार, दो हमको संतान, दंपतियों ने किए स्नान

जागरण संवाददाता, गोवर्धन: दिल से निकली पुकार ने मातृत्व सुख को आंचल फैलाया, तो राधाकुंड में वरदान की हिलोरें मचल उठीं। मानो राधारानी ने सभी की झोली भरने का संकल्प ले लिया हो। लाखों दंपतियों ने संतान प्राप्ति की कामना लिए ममता के सागर राधाकुंड में आधी रात को डुबकी लगा मन्नत मांगी।

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बुधवार को अर्धरात्रि में होने वाले स्नान के लिए गोवर्धन से पांच किलोमीटर दूर राधाकुंड रोशनी से जगमगा रहा था। घड़ी ने जैसे ही 12 बजने का इशारा किया, तो संतों ने शंख का घोष कर पुत्र प्राप्ति के लिए आए हजारों दंपतियों को स्नान की अनुमति दी। तब जाकर सभी ने डुबकी लगाना शुरू किया। दो अष्टमी होने के कारण गुरुवार को भी भक्तगण डुबकी लगाएंगे। हे राधे, मुझे भी मां बना दे: अहोई अष्टमी मेला में बंगलौर के रामनगर से आई सोना माही ने बताया कि दुनिया भर के इलाजों से निराश हो, राधारानी के दरबार में आई हैं। मान्यता है कि राधारानी के दरबार से कोई निराश नहीं लौटता। नैनीताल की सोनी ने कहा कि बड़ी बहन की गोद राधाकुंड में स्नान के बाद भर गई। इसीलिए वह भी पुत्र प्राप्ति के लिए स्नान करने आयी हैं। भोपाल की दक्षिणा पति आदेश के साथ राधारानी का गुणगान करते नहीं थकीं। पिछले वर्ष स्नान करने आई तो बेटा हुआ। बेटे का नाम वरदान रखा। सूरत गुजरात की शिवांगी के सात वर्ष तक कोई संतान नहीं हुई यहां स्नान के बाद जुड़वा पुत्र मिले। अंबाला की रुद्राक्षी ने बताया कि अगर संतान हुई तो प्रतिवर्ष राधाकुंड आएंगी। खूब बिका पेठा फल और श्रृंगार का सामान: धार्मिक मान्यता के अनुसार संतान के वरदान को आने वाले दंपती एक फल का दान करते हैं तथा उसे संतान के होने तक नहीं खाते हैं। इसके चलते पेठा फल खूब बिके। इसके अलावा राधारानी को श्रृंगार भेंट करने को भी दंपती आतुर दिखे। ठहर गया सौंदर्य: रंग बिरंगी रोशनी से सजा राधाकुंड का प्रांगण, रात में दिन का एहसास कराती हाईमास्क लाइटें, राधानाम की गूंजती ध्वनि ने वातावरण को अलौकिक बना दिया। कुंड के बीचों बीच आशीष देती राधारानी की मूर्ति मानो कह रही हो जैसे कि कोई श्रद्धालु निराश नहीं लौटेगा।


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