सजे घोड़े, ऊंट और बैंड बाजे के साथ पुष्प वर्षा... वृंदावन पहुंचे कथाचावक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा का स्वागत
आचार्य इंद्रेश उपाध्याय अपनी पत्नी शिप्रा के साथ वृंदावन पहुंचे, जहाँ उनका भव्य स्वागत किया गया। सजे हुए घोड़े, ऊंट और बैंड बाजे के साथ पुष्प वर्षा की ...और पढ़ें

इंद्रेश और शिप्रा का स्वागत। वीडियो से ली तस्वीर।
संवाद सहयोगी, जागरण, वृंदावन। आचार्य इंद्रेश उपाध्याय ने जयपुर में हरियाणा की शिप्रा संग सात फेरे लिए। दाम्पत्य जीवन में प्रवेश करने के बाद इंद्रेश उपाध्याय अपनी पत्नी शिप्रा संग जब देर रात अपने घर पहुंचे तो उनका स्वागत हुआ। सजे धजे घोड़े, ऊंट के साथ बैंड बाजों की गूंज के साथ पुष्प वर्षा कर इंद्रेश उपाध्याय का स्वागत हुआ। माताजी ने अर्घ्य देकर पुत्र एवं वधु का घर में पारंपरिक स्वागत किया। इंद्रेश उपाध्याय के स्वागत में घंटों से खड़े ब्रजवासियों का उन्होंने हाथ जोड़कर अभिवादन किया।

सजे धजे ऊंट, घोड़े।
दाम्पत्य जीवन में प्रवेश के बाद पहली बार आए इंद्रेश का स्वागत
रमणरेती मार्ग स्थित कथावाचक कृष्ण चंद्र ठाकुर का आवास रविवार जो अदभुत प्रकाश से जगमगा रहा था। शाम सात बजे से ही आवास के बाहर सजे धजे ऊंट, घोड़े और बैंड उनके स्वागत को पहुंच गए। दाम्पत्य जीवन में प्रवेश के बाद पहली बार घर आ रहे इंद्रेश के स्वागत को ब्रजवासी भी इंतजार करने लगे। घंटों इंतजार के बाद रात करीब 11 बजे जैसे ही इंद्रेश उपाध्याय की कार दरवाजे के समीप पहुंची बैंडबाजों की ध्वनि ने स्वागत शुरू कर दिया। पुष्प वर्षा होने लगी। कार में
इंद्रेश उपाध्याय के साथ पत्नी शिप्रा एवं उनकी दो बहने मौजूद रहीं। इंद्रेश उपाध्याय सभी का हाथ जोड़कर अभिवादन करते हुए आगे बढ़े। तो घर के दरवाजे पर मां ने अर्घ्य देकर पारंपरिक स्वागत किया और वर वधु को घर में प्रवेश दिलाया।

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