डंपिग ग्राउंड में सड़ रहा सवा लाख टन कूड़ा
नगर निगम के नगला कोल्हू डंपिग ग्राउंड पर करीब सवा लाख टन कूड़ा पड़ा-पड़ा सड़ रहा है। इस कूड़े को नगर पालिका ने यहां डाला था और उसका निस्तारण नहीं कराया गया था। करीब दो दशक से पड़े इस कूड़े के निस्तारण करने के लिए नगर निगम ने डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बना नगर विकास मंत्रालय को भेजी है।
मथुरा: नगर निगम के नगला कोल्हू डंपिग ग्राउंड पर करीब सवा लाख टन कूड़ा पड़ा-पड़ा सड़ रहा है। इस कूड़े को नगर पालिका ने यहां डाला था और उसका निस्तारण नहीं कराया गया था। करीब दो दशक से पड़े इस कूड़े के निस्तारण करने के लिए नगर निगम ने डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बना नगर विकास मंत्रालय को भेजी है।
मथुरा, वृंदावन शहर और 51 गांवों को मिलाकर 9 मई 2017 को नगर निगम का गठन किया गया था। इससे पहले मथुरा और वृंदावन नगर पालिका क्षेत्र थे। शहरी कूड़े को नगर पालिका ने डंपिग ग्राउंड नगला कोल्हू डाल दिया गया, लेकिन इसका निस्तारण नहीं कराया गया। करीब दो दशक पुराने कूड़े के निस्तारण के लिए नगर निगम ने 24 करोड़ रुपये की कार्ययोजना तैयार की है। नगर आयुक्त समीर वर्मा ने बताया कि गुजरात के बड़ोदरा में ऐसे ही पड़े कचरे प्रबंधन किया गया था। बड़ोदरा के प्लांट के देखने के बाद ही पुराने कचरे के प्रबंधन की डीपीआर तैयार की गई है। इसी तरह से वृंदावन के कूड़े के भी निस्तारण किया जाएगा। उसको मथुरा नहीं लाया जाएगा। इसकी भी प्लानिग की गई है। --कचरे के ढेर लगे होने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का पानी भरा रहने से भूमिगत जल स्त्रोत का पानी की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। पानी पीने के योग्य नहीं रहा।
-रोहित, नगला कोल्हू --पहले यहां पड़े कचरे से काफी दुर्गंध आती थी। सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी। अब कूड़े का निस्तारण के किए जा रहे कार्य के बाद दुर्गंध में काफी कमी आई हैं।
-नवीन, नगला कोल्हू
--कभी-कभी पुराने कचरे से धुआं उठता है तो बहुत दिक्कत होती है। खत्ताघर पर कर्मचारियों के रहने से अब कचरे में पहले की तरह आग नहीं लगती है।
-गोवर्धन सैनी, नगला कोल्हू
--नगर निगम की जो गाड़ियां कचरा लेकर आती है, वह कचरा सड़क पर फैलता है। इससे गंदगी होती है। हालांकि नगर निगम के कर्मचारी सफाई करते हैं। कचरे को ठीक से ढक लाया जाए।
-मुकेश नगला कोल्हू