तारकशी से बुन सकेंगे चमकीला भविष्य
दुनिया भर में मैनपुरी को पहचान देने वाली तारकशी की किस्मत बदलने के लिए सूबे की सरकार ने कसरत शुरू कर दी है। एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना में चयन के बाद अब इकाइयां स्थापित करने के लिए डेढ़ करोड़ रुपये से वित्तीय सहायता दी जाएगी। इसके लिए प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
जागरण संवाददाता, मैनपुरी: अब जिले के हुनरमंद युवा तारकशी के माध्यम से उज्ज्वल भविष्य बुन सकेंगे। इस हस्तकला को प्रदेश सरकार ने एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के तहत चयनित किया है। यही नहीं सरकार इकाई लगाने के लिए वित्तीय मदद देगी।
तारकशी ने दुनियाभर में मैनपुरी को एक अलग पहचान दी है। इस हस्तशिल्प कला में शीशम की लकड़ी पर पीतल के तारों से आकृतियां बनाई जाती हैं। जिले में कई परिवार इस कला से पंरपरागत तौर पर जुड़े हुए हैं। सरकार प्रशिक्षण केंद्र व इकाइयां स्थापित कर अन्य लोगों को बेहतर अवसर उपलब्ध करना चाहती है। इस योजना में लाभार्थियों को तारकशी से संबंधित उद्योग, सेवा और व्यवसाय क्षेत्र की इकाई स्थापित करने के लिए अनुदानयुक्त वित्तीय सहायता दी जाएगी।
प्रबंधक जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्र सुधीर कुमार यादव ने बताया कि आवेदक या उसके परिवार के किसी अन्य सदस्य को योजना में केवल एक बार ही लाभान्वित किया जाएगा।
यह हैं पात्रता की शर्तें
आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए। आवेदक किसी भी बैंक, वित्तीय संस्था, सरकारी संस्था का डिफाल्टर नहीं होना चाहिए। उसने पूर्व में केंद्र या राज्य सरकार की अन्य किसी स्वरोजगार योजना का लाभ न लिया हो।
इस तरह मिलेगा अनुदान
- 25 लाख रुपये तक के प्रोजेक्ट पर 25 फीसद या 6.25 लाख रुपये में से जो भी कम हो।
- 25 से 50 लाख रुपये तक के प्रोजेक्ट पर 6.25 लाख रुपये अथवा लागत का 20 फीसद, जो भी अधिक होगा।
- 50 लाख से डेढ़ करोड़ रुपये तक के प्रोजेक्ट पर 10 लाख रुपये अथवा लागत का 10 फीसद, जो भी अधिक हो।