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हां, यही मेरे पति हैं..

जिला अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती घायल महिला की तलाश कर पहुंचा पति दो महीनों से अस्पताल प्रशासन कर रहा था सेवा पति को देखते ही फफक पड़ी

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Jan 2022 06:55 AM (IST)Updated: Sun, 16 Jan 2022 06:55 AM (IST)
हां, यही मेरे पति हैं..
हां, यही मेरे पति हैं..

जासं, मैनपुरी: आखिरकार जागरण का प्रयास रंग लाया। दो महीनों से इमरजेंसी में लावारिस हालत में भर्ती महिला को तलाशते हुए उनके पति अस्पताल पहुंच गए। पति को देखते ही महिला फफक कर बस यही कहती रही कि यही मेरे पति हैं। अब मुझे घर जाना है। दो महीनों से महिला की सेवा में जुटे अस्पताल प्रशासन के लिए भी यह पल काफी भावुक रहा।

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16 नवंबर 2021 को गंभीर रूप से घायल एक अज्ञात महिला को जिला अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था। चोटों के कारण महिला बेसुध थी। लगभग एक महीने तक नर्सिंग स्टाफ ने निजी खर्च पर महिला का उपचार कर काफी राहत पहुंचाई। जागरण ने 26 दिसंबर के अंक में महिला की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।

जागरण की खबर को कई एनजीओ द्वारा इंटरनेट मीडिया पर भी चलाया गया था। इंटरनेट मीडिया पर फोटो देखकर और फोन पर मिली जानकारी के बाद शनिवार की शाम पांच बजे एक व्यक्ति इमरजेंसी पहुंचा। उन्हें देखते ही महिला फफक कर रो पड़ी। व्यक्ति ने अपना नाम बलदेव भाई ईश्वर भाई निवासी मोंटीजोर, कपड़गंज जिला खेड़ा गुजरात बताते हुए महिला को अपनी पत्नी बताया। पुष्टि के बाद अस्पताल प्रशासन ने दोनों के ठहरने की व्यवस्था अस्पताल में ही करा दी है।

ऐसे शुरू हुई थी महिला के अपनों की तलाश: जागरण ने 26 दिसंबर के अंक में खबर प्रकाशित की। अगले ही दिन एनजीओ के सदस्य महिला की मदद के लिए पहुंचे थे। एनजीओ द्वारा खबर को इंटरनेट मीडिया पर वायरल किया गया था। जागरण के प्रयास के बाद एसपी अशोक कुमार राय ने भी सीओ सिटी अमर बहादुर के साथ रात में पहुंचकर महिला की मदद की पहल की थी। सीओ को स्वजन की तलाश के लिए कहा गया था।

12 अक्टूबर 2021 से गायब थी महिला: पति ने बताया कि महिला दिमाग से बीमार रहती है। 12 अगस्त की रात अचानक वह घर से निकल गई थी। बहुत तलाश करने पर भी कोई सुराग नहीं मिला था। 25 अक्टूबर को स्वजन ने गुजरात खेड़ा जिला के थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। महिला ने बताया कि वह ट्रेन में बैठकर गुजरात के नौसारी स्थित मायक जा रही थी। कब आगरा पहुंची पता ही नहीं चला। एक ट्रक चालक ने छोड़ देने की बात कही थी। बाद में वो रास्ते में छोड़ गया था। वाहन की टक्कर लगने के बाद से वह अस्पताल में है।

यूं हुआ संपर्क, वाघेला सेठ बने कड़ी: जागरण ने महिला की भाषा समझने के लिए गुजरात में नौकरी कर चुके एक युवक से संपर्क साधा था। युवक ने महिला से बात के आधार पर खेड़ा जिला के रहने वाले समाजसेवी वाघेला सेठ से संपर्क साधा था। सेठ ने नौसारी स्थित महिला के भाई रमन भाई सरपंच को फोन पर महिला की फोटो भेजी। जिसके बाद तीन दिन का सफर तय करके उनके पति अब महिला को लेने आए हैं।

कुछ औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी। उसके बाद महिला को उनके पति के साथ घर पहुंचाने में मदद दी जाएगी। यह सराहनीय पहल है। अमर बहादुर सिंह, सीओ सिटी।


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