और बढ़ी सर्दी, निमोनिया से नवजात की मौत
बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरनाक हुई ठंड, ओपीडी में भी उमड़ी बुखार और डायरिया पीड़ितों की भीड़।
मैनपुरी, जागरण संवाददाता : मौसम में परिवर्तन सेहत पर भारी पड़ने लगा है। ठंड के प्रचंड होने से बच्चों और बुजुर्गों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिला अस्पताल में सोमवार को बुखार और डायरिया के मरीजों की भीड़ उमड़ी। निमोनिया का समय पर उपचार न मिलने से एक बच्चे ने दम तोड़ दिया।
सोमवार को सुबह से ही मौसम में बदलाव देखने को मिला। आसमान में बादलों के छाए रहने के कारण दिन भर सर्द हवा लोगों की कंपकंपी छुड़ाती रही। सोमवार को जिला अस्पताल खुला तो ओपीडी में मरीजों की भीड़ उमड़ पड़ी। लगभग एक हजार मरीजों ने अपना पंजीकरण कराया। इनमें ज्यादातर बुखार और डायरिया के शिकार थे। भोगांव क्षेत्र के मुहल्ला जगतनगर निवासी कौशलेंद्र के पुत्र बेबी (एक दिन) को निमोनिया की वजह से अस्पताल लाया गया। जहां इमरजेंसी में चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक मिश्रा का कहना है कि सर्दी में सबसे ज्यादा समस्या छोटे बच्चों की होती है। ठंड की वजह से बच्चे निमोनिया के शिकार हो जाते हैं। उन्हें तेज बुखार के साथ उल्टी और दस्त की शिकायत भी होती है। कई बार तो ऐसे बच्चों को बचाना भी मुश्किल होता है। बुजुर्गों में सर्दी के कारण अस्थमा की समस्या जोर पकड़ लेती है। इन बातों का रखें ख्याल: बच्चों को गर्म कपड़ों से ढककर रखें। उन्हें सर्द हवा के बीच लेकर न निकलें। कमरे का तापमान सामान्य बनाए रखें। बुजुर्गों को भी ठंडी तासीर वाली खाद्य वस्तुओं से परहेज रखना चाहिए। दमा रोगियों को कोहरे और शीतलहर में जाने से बचना चाहिए।