बिगड़ा मौसम का मिजाज, ठिठुर उठा जनमानस
आसमान में सुबह से छाए रहे घने बादल, सर्द हवा ने और बढ़ाई ठंडक, सिहर उठे लोग।
मैनपुरी, जागरण संवाददाता। पश्चिमी विक्षोम से मौसम पलट गया। सुबह से ही तेज हवा से मौसम सर्द हुआ तो बादलों के छाए रहने से ठंड और भी बढ़ गई। दोपहर को कुछ वक्त के लिए निकली धूप के तेवर शाम होने से पहले ही ठंडे पड़ गए। रात में झमाझम बारिश शुरू हो गई।
दो दिन से कोहरा नहीं होने से धूप के तेवर भी गर्म होने लगे थे। सुबह से ठंडी हवा चलने से मौसम में एक बार फिर बदलाव होता दिखा। आसमान पर बाछल छाए रहने से सुबह नौ बजे तक सूर्यदेव के दर्शन नहीं हो सके। इसके बाद सूरज तो खिला, लेकिन हवा के कारण लोगों को सर्दी का अहसास बरकरार रहा। शाम से ही पहले बादलों ने सूर्यदेव को फिर अपने आगोश में ले लिया। हवा शाम होने तक चलती रही। मौसम के पलटवार से ठंड लौटने के आसार एक बार फिर बन गए। गर्म कपड़ों से दूर हो रहे नागरिक फिर इनके पास लौट आए हैं। बूंदाबांदी की जरूरत: किसान मौसम में आए बदलाव को खेती के लिए बेहतर बताकर बूंदाबांदी होने की संभावना जता रहे हैं। आलीपुर खेड़ा के रामकिशन का कहना है कि बूंदाबांदी होने से गेहूं की फसल को काफी फायदा होगा। वहीं, प्रयागपुर के रामदेव का कहना है कि बूंदाबांदी होने से गेहूं को फायदा तो होगा, लेकिन सरसों और मटर को नुकसान हो सकता है। अभी चाहिए ठंड: रमपुरा के किसान प्यारेलाल का कहना है कि अभी फसलों के लिए ठंड की जरूरत है। ठीक-ठाक ठंड अभी 15 दिन और पड़ जाए तो गेहूं समेत दूसरी फसलों को फायदा होगा और दाना भी ठीक बनेगा, इससे उत्पादन बेहतर रहेगा। हवा को उन्होंने फसल के विपरीत बताया। कहा कि हवाओं से सरसों का फूल क छड़ जाएगा तो पानी लगने के दौरान बढ़त की ओर जा रही गेहूं की फसल गिर सकती है।