Move to Jagran APP

सूरज के हौसले को अखिलेश का सलाम, हादसे में गवां दिए थे दोनों पैर और एक हाथ; 3 उंगलियों से क्लियर किया UPSC

यूपी के मैनपुरी में रहने वाले सूरज तिवारी ने पहली बार में आईएएस की परीक्षा पास कर 917 वीं रैंक हासिल की। एक दर्दनाक हादसे में सूरज ने अपने दोनों पैर और दांया हाथ गवां दिया था ।

By Abhishek PandeyEdited By: Abhishek PandeyPublished: Wed, 24 May 2023 12:38 PM (IST)Updated: Wed, 24 May 2023 12:39 PM (IST)
सूरज के हौसले को अखिलेश का सलाम, हादसे में गवां दिए थे दोनों पैर और एक हाथ; 3 उंगलियों से क्लियर किया UPSC
सूरज के हौसले को अखिलेश का सलाम, हादसे में गवां दिए थे दोनों पैर और एक हाथ

जागरण ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली: यूपी के मैनपुरी में रहने वाले सूरज तिवारी ने पहली बार में आईएएस की परीक्षा पास कर 917 वीं रैंक हासिल की। एक दर्दनाक हादसे में सूरज ने अपने दोनों पैर और दांया हाथ गवां दिया था लेकिन यह परिस्थितियां सूरज के हौसले नहीं तोड़ पाई और उन्होंने बाएं हाथ की तीन उंगलियों से यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की।

loksabha election banner

अखिलेश ने सूरज को दी बधाई

सूरज की सफलता की कहानी रिजल्ट जारी होने के बाद देशभर में चर्चा का विषय बनी हुई है। सूरज को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी सूरज के हौसले को सलाम करते हुए ट्वीट किया और उन्होंने बधाई दी।

अखिलेश ने लिखा- "मैनपुरी के दिव्यांग सूरज तिवारी ने आईएएस की परीक्षा पहली बार में ही निकाल कर साबित कर दिया कि संकल्प की शक्ति अन्य सब शक्तियों से बड़ी होती है। सूरज की इस ‘सूरज’ जैसी उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई और उज्ज्वल भविष्य के लिए अनंत शुभकामनाएं!"

पेशे से टेलर हैं सूरज के पिता

सूरज के पिता राजेश तिवारी पेशे से टेलर हैं। कपड़ों की सिलाई कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। राजेश तिवारी के तीन बेटे और एक बेटी थी। बड़े बेटे राहुल तिवारी का निधन हो चुका है, जबकि छोटा बेटा राघव तिवारी बीएससी और और बेटी प्रिया बीटीसी कर रही है।

बेहद तंगी के बावजूद भी राजेश तिवारी ने अपने बेटे सूरज तिवारी की इच्छानुसार उसे प्रेरित करते हुए पढ़ाते रहें। सूरज तिवारी की प्रारंभिक शिक्षा नगर के महर्षि परशुराम स्कूल में हुई। उन्होंने वर्ष 2011 में हाईस्कूल परीक्षा एसबीआरएल इंटर कॉलेज मैनपुरी से उत्तीर्ण की।

इसके बाद आर्थिक परेशानियों के कारण एक साल पढ़ाई नहीं कर पाए। फिर वर्ष 2014 मे इंटरमीडिएट परीक्षा संपूर्णानंद इंटर कालेज अरम सराय बेवर से उत्तीर्ण की थी। इसके बाद में बीएससी में एडमिशन बेवर के महाविद्यालय में प्रवेश लिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.