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UP Nikay Chunav Result: मैनपुरी में 19 घंटे बाद आया परिणाम, सपा को हराकर भाजपा ने नगर पालिका में फहराया भगवा

UP Nagar Nikay Chunav Resultमैनपुरी नगर पालिका अध्यक्ष पद का परिणाम सबसे देर में आया। यहां भाजपा को मिली जीत। इस सीट पर सभी की नजरें थीं। मैनपुरी में सपा सांसद डिंपल यादव और अखिलेश ने खूब प्रचार किया था। लेकिन सपा प्रत्याशी जीत हासिल नहीं कर सकीं।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaPublished: Sun, 14 May 2023 06:59 AM (IST)Updated: Sun, 14 May 2023 06:59 AM (IST)
UP Nikay Chunav Result: मैनपुरी में 19 घंटे बाद आया परिणाम, सपा को हराकर भाजपा ने नगर पालिका में फहराया भगवा
मैनपुरी नगर पालिका अध्यक्ष पर जीत के प्रमाण पत्र के साथ संगीता गुप्ता।

मैनपुरी, जागरण टीम। मैनपुरी में नगर पालिका अध्यक्ष पद पर मतों की गणना का काम 19 घंटे बाद पूरा हो पाया। इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी संगीता गुप्ता और सपा प्रत्याशी सुमन वर्मा के बीच मुख्य मुकाबला था। शुरुआती पांच राउंड तक समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी रोजाना में आगे बताई जा रही थी। अत्यंत धीमी गति से हुई मतगणना में आखरी कुछ राउंड में भाजपा प्रत्याशी ने बढ़त बनाई। रात तीन बजे भाजपा प्रत्याशी को 5409 के अंतर से विजेता घोषित कर प्रमाण पत्र प्रदान कर दिया गया।

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सपा के हाथ आईं दो सीटें

निकाय चुनावों में जिले में आगे रहने वाली भाजपा ने इस बार पुराने रिकार्ड से आगे निकल गई। भाजपा से सीधा मुकाबला करने वाली सपा बीते चुनाव के जीत के अपने आंकड़े तक ही पहुंच गई। हालांकि उसने अपनी पुरानी भोगांव और कुसमरा की सीट गंवा दी। परंतु करहल और किशनी की जीत ने सम्मान बचा लिया। वहीं ज्योति खुड़िया में निर्दलीय की जीत ने सबके गणित फेल कर दिए।

सपा का गढ़ कहा जाता है मैनपुरी

लोकसभा सीट की दृष्टि से मैनपुरी को सपा का गढ़ कहा जाता है। विधानसभा चुनाव में भी सपा का लंबा वर्चस्व रहा है, परंतु बीते विस चुनाव के बाद भाजपा भी उसे बराबर के मुकाबले पर खड़ी हुई है। निकाय चुनावों की बात करें तो यहां भाजपा को बढ़त मिलती रही है। बीते निकाय चुनाव में भाजपा ने मैनपुरी नगर पालिका अध्यक्ष पद के साथ घिरोर, कुरावली, बेवर, ज्योति खुड़िया नगर पंचायतों में जीत दर्ज की थी। सपा और बसपा दो-दो नगर पंचायतों के अध्यक्ष पदों पर जीती थीं। इस बार निकाय चुनाव में भाजपा अपनी सत्ता बचाने के साथ बढ़त बनाने की कसरत में जुटी थी। इसके लिए पार्टी नेताओं ने पूरी ताकत झोंकी। प्रभारी मंत्री सहित कई बाहरी नेताओं ने भी प्रचार में पसीना बहाया।

सपा बड़ी जीत की कोशिश में थी

दूसरी तरफ बीते साल हुए लोकसभा उपचुनाव से उत्साहित सपा निकाय में बड़ी जीत दर्ज करने की कोशिश में थी। इसके लिए पार्टी सांसद डिंपल यादव, पूर्व सांसद तेज प्रताप सिंह कई नेताओं ने प्रचार में दम दिखाया। कई सीटों पर मैदान में बसपा और कांग्रेस भी थीं, परंतु उनके प्रचार में तेजी नजर नहीं आई थी। राजनीतिक दलों की इस कसरत का प्रभाव चुनाव परिणामों में भी नजर आया।

भाजपा ने हासिल की जीत

भाजपा ने इस बार भोगांव विधानसभा क्षेत्र की भोगांव और बेवर नगर पंचायत, दोनों के अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की। इससे पहले भोगांव पर भाजपा कभी नहीं जीती थी। इस विधानसभा क्षेत्र पर भाजपा लगातार दो चुनाव जीत चुकी है, ऐसे में इसे भाजपा के लिए शुभ संकेत माना जा रहा है। वहीं सपा के कब्जे वाली कुसमरा सीट पर भी भाजपा ने जीत दर्ज की। इसके अलावा घिरोर, कुरावली में सत्ता को बरकरार रखा। सपा की बात करें तो सपा ने कुसमरा सीट तो गंवा दी, परंतु किशनी नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर जीत हासिल कर संतुलन कायम रखा।

सपा ने वापस ली सीट

सपा ने करहल नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर भी विजय प्राप्त की, यह सीट बीते चुनाव में सपा से छिन गई थी। हालांकि करहल विधानसभा क्षेत्र की नवगठित नगर पंचायत बरनाहल के पहले चुनाव में भाजपा ने जीत हासिल कर सपा को पीछे धकेल दिया। दोनों दलों के इस मुकाबले में बसपा और कांग्रेस कहीं नजर नहीं आए।  


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