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कोर्ट के आदेश पर भी परिवहन विभाग की चुप्पी

यह परिवहन विभाग की व्यवस्था का है। जिन डग्गामार वाहनों पर एंगिल लगी है। उन्हें हटवाया नहीं जा रहा है। लोग लटक कर यात्रा करते हैं और अपनी जान जोखिम में डालते हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Jun 2018 11:41 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jun 2018 11:41 PM (IST)
कोर्ट के आदेश पर भी परिवहन विभाग की चुप्पी
कोर्ट के आदेश पर भी परिवहन विभाग की चुप्पी

जागरण संवाददाता, मैनपुरी: यह परिवहन विभाग की व्यवस्था का है। जिन डग्गामार वाहनों पर एंगिल हटाने का सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है, उस पर भी परिवहन विभाग ने चुप्पी साध ली है। डंके की चोट पर सवारियां लटकाने को वाहन के बाहर एंगिल लगाए जा रहे हैं।

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डग्गेमार वाहनों में खुलेआम सवारियों को लटकाने के लिए एंगिल लगाए गए हैं। वाहन के पीछे और साइड में लगे इन एंगिलों पर सवारियां लटककर सफर करती हैं। कई बार इन एंगिलों पर खड़े लोग गिरकर घायल भी हो जाते हैं। लेकिन डग्गेमार वाहनों चालकों के हौसले फिर भी बुलंद हैं। अगर कोई सवारी एंगिल पर खड़े होकर सफर करने से मना करती है तो वे उसे वाहन में बैठाने से भी मना कर देते हैं। काफी देर तक इंतजार करने के बाद आखिर यात्रियों को खड़े होकर ही सफर करना पड़ता है। जिले में दौड़ने वाले डग्गेमार वाहनों में ऐसा कोई वाहन नहीं है जिसमें लोहे के एंगिल न लगे हों, लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं होती है। अगर कभी इन वाहनों का चालान भी किया जाता है, तो भी ये एंगिल नहीं कटवाए जाते हैं। ऐसे में चालान का शुल्क जमा करने के बाद फिर से वही पुराने ढर्रे पर लौट आते हैं। कई बार इन एंगिलों से बड़े हादसे हो जाते हैं। अगर डग्गेमार वाहन किसी दूसरे वाहन से टकरा जाते हैं तो इन एंगिलों से टकराकर लोग जान तक खो

देते हैं। पहले हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने वाहनों के आगे पीछे गे एंगिल हटवाने के निर्देश दिए। लेकिन जिले में इन आदेशों पर अमल नहीं हो पा रहा है।

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डग्गेमार वाहनों में बेखौफ एंगिल लगाए जाते हैं। हाल यह है कि सवारियां न चाहते हुए भी इन पर खड़े होकर सफर करती हैं। क्योंकि अगर कहीं जाना है तो डग्गेमार वाहन चालकों की मनमानी बर्दाश्त करनी पड़ेगी।

शाहिद, दरीबा। ऐसा लगता है कि परिवहन विभाग को भी डग्गेमार वाहनों से डर लगता है। तभी तो इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। अगर एक पर कार्रवाई हो तो दूसरे लोग अपने आप ही सुधर जाएंगे।

रोबिन तिवारी, देवी रोड।

अगर प्रशासन चाह ले तो शायद सड़कों पर एक भी डग्गेमार वाहन दिखाई न दे। लेकिन इससे पहले उसे

बसों की व्यवस्था भी करनी होगी। नहीं तो लोगों को आने-जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

चंदप्रकाश, करहल रोड।

जब भी डग्गेमार वाहनों से कोई बड़ा हादसा होता है तो लोग इनमें सफर न करने की कसम खाते हैं। लेकिन बाद में मजबूरन उन्हें डग्गेमार वाहनों में सफर करना पड़ता है, कार्रवाई भी नहीं होती है।

सुशील यादव, राजा का बाग।

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परिवहन विभाग लगातार कार्रवाई कर रहा है। एंगिल लगाकर चलने वाले

वाहन चालकों को हिदायत दी गई है कि वह अपने एंगिल कटवा लें, वरना वाहन सीज कर दिए जाएंगे।

डॉ. कौशलेंद्र, प्रवर्तन अधिकारी।


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