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अलग-अलग सड़क हादसों में तीन लोगों की मौत

मैनपुरी जासं। शहर कोतवाली क्षेत्र में बाइक की टक्कर लगने से साइकिल सवार की मौत हो गई। कुरावली क्षेत्र में पिता को खाना देने जा रहे दस वर्षीय बालक की बाइक की टक्कर से मौत हो गई। वहीं बेवर में ट्रक की टक्कर लगने से हरदोई के युवक की मौत हो गई। जबकि उनके परिजन घायल हो गए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 Jun 2019 10:48 PM (IST)Updated: Sat, 08 Jun 2019 06:27 AM (IST)
अलग-अलग सड़क हादसों में तीन लोगों की मौत
अलग-अलग सड़क हादसों में तीन लोगों की मौत

जासं, मैनपुरी: अलग-अलग स्थानों पर हुए सड़क हादसों में बालक समेत तीन लोगों की मौत हो गई। मृतकों में एक युवक हरदोई का है।

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शहर कोतवाली के गांव अस्यौली निवासी मुनेश मिश्रा (55) बुधवार रात दस बजे साइकिल से घर लौट रहे थे। कुरावली रोड स्थित रंगपुर मोड के पास एक बाइक ने उनकी साइकिल में टक्कर मार दी। वह गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से सैफई रेफर कर दिया गया। सैफई में उनकी मौत हो गई।

कुरावली: क्षेत्र के गांव उम्मेदपुर निवासी प्रमोद कुमार टेंपो चालक थे। गुरुवार सुबह वे टेंपो लेकर घर से निकले थे। करीब 11 बजे उनका दस वर्षीय पुत्र अमित उन्हें खाना देने जा रहा था। अलपुरा भट्ठा के पास एक बाइक ने टक्कर मार दी, जिससे उसकी मौके पर ही उसकी मौत हो गई। पुलिस ने बाइक सवार युवक को हिरासत में लिया है।

बेवर: एक अन्य घटना में हरदोई के थाना कासिमपुर के गांव शाहपुर निवासी पुष्पेंद्र सिंह राठौर परिवार सहित दिल्ली रहते थे। बुधवार रात पूरा परिवार एक लोडर में सवार होकर हरदोई के लिए रवाना हुआ। रात करीब तीन बजे बेवर क्षेत्र में जीटी रोड पर नवीगंज के पास एक ट्रक ने लोडर में टक्कर मार दी। पुष्पेंद्र सिंह (45), उनकी पत्नी सुनीता, पुत्री अंशिका व भाई प्रेमप्रकाश घायल हो गए। मौके पर मौजूद लोग घायलों को बेवर अस्पताल लाए, जहां से जिला अस्पताल भेज दिया। यहां पुष्पेंद्र को मृत घोषित कर दिया गया।

------ चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप

सड़क हादसे में मृत पुष्पेंद्र सिंह के परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। पुष्पेंद्र की पत्नी सुनीता के मुताबिक उनके पति व अन्य घायलों को पहले जिला अस्पताल ले जाया गया। वहां मौजूद चिकित्सक ने घायलों का इलाज नहीं किया। सभी को जिला अस्पताल जाने के लिए कह दिया। जिला अस्पताल में भी काफी देर पर इलाज शुरू हुआ। इसके चलते पति की मौत हो गई। यदि चिकित्सक समय से इलाज करते तो पति की जान बच सकती थी। महिला ने पति के शव का अपमान करने का भी आरोप लगाया है। उनके मुताबिक चिकित्सा कर्मी ने शव को जिला अस्पताल की मोरचरी के फर्स पर अस्त व्यस्त हाल में डाल दिया था।


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