सियासत की तीसरी पीढ़ी ने छोड़ा सपा का दामन
समाजवादी पार्टी से जुड़कर लंबी राजनैतिक पारी खेलने वाले पूर्व राज्यसभा सांसद स्व. बाबू दर्शन ¨सह यादव के परिवार की तीसरी पीढ़ी ने अब बगावत कर दी है। उनके भाई सपा से तीन बार विधायक का चुनाव जीतने वाले सोबरन ¨सह यादव के नाती अमित यादव ने सपा का साथ छोड़ शिवपाल यादव का दामन थाम लिया है।
मैनपुरी (जागरण संवाददाता)। समाजवादी पार्टी से जुड़कर लंबी राजनीतिक पारी खेलने वाले पूर्व राज्यसभा सांसद स्व. बाबू दर्शन ¨सह यादव के परिवार तीसरी पीढ़ी ने अब सियासी बगावत कर दी है। उनके भाई स्व. हरगोविंद यादव के पौत्र अमित ने सपा का साथ छोड़ शिवपाल यादव का दामन थाम लिया है। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) ने अमित को प्रदेश सचिव बनाया है।
स्व. दर्शन ¨सह यादव का परिवार सपा के प्रति निष्ठा के लिए जाना जाता है। खुद दर्शन ¨सह यादव, मुलायम ¨सह यादव के सबसे करीबी माने जाते थे। हमेशा सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में रहे। अखिलेश शासन के दौरान वह राज्यसभा सदस्य रहे। उनके छोटे भाई सोबरन ¨सह यादव तीन बार से सपा की टिकट पर करहल से विधायक निर्वाचित हो रहे हैं। दूसरे भाई स्व. हरगो¨वद ¨सह भी प्रधान रहे और सपा के प्रति समर्पित रहे।
स्व. हरगो¨वद ¨सह के पौत्र अमित यादव अब तक सपा से जुड़े थे। परंतु शिवपाल यादव के अलग पार्टी बनाने के बाद उनका लगाव सपा से हट गया। पिछले दिनों लखनऊ में प्रसपा की रैली में शामिल हुए। प्रसपा ने उन्हें प्रदेश सचिव बनाया है। अमित यादव का कहना है कि शिवपाल ¨सह यादव की नीतियां सपा से बेहतर हैं। वे युवाओं को साथ लेकर चलना चाहते हैं। सपा में परिवारवाद हावी है। सोबरन को समझाकर सपा में लाए थे दर्शन ¨सह
सोबरन ¨सह यादव वर्ष 2002 में भाजपा से ही करहल के विधायक बने। इसके बाद दर्शन ¨सह यादव ने उनको समझाकर सपा में लाए थे। इसके बाद सोबरन सपा की टिकट पर करहल से चुनाव लड़ते रहे।