Move to Jagran APP

धमाके की गूंज सुन थर्रा गए थे आसपास के ग्रामीण, शवों को देख कांप गई थी रूह

एक्सप्रेस-वे पर टूरिस्ट बस और ट्रक की भिडं़त हादसा देख दहले लोगों के दिल फरार ट्रक चालक पकड़ा सुनाई घटना की कहानी पुलिसकर्मियों और ग्रामीणों ने वाहन काटकर निकाले फंसे यात्री।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Apr 2019 09:29 PM (IST)Updated: Sun, 21 Apr 2019 09:29 PM (IST)
धमाके की गूंज सुन थर्रा गए थे आसपास के ग्रामीण, शवों को देख कांप गई थी रूह
धमाके की गूंज सुन थर्रा गए थे आसपास के ग्रामीण, शवों को देख कांप गई थी रूह

करहल, संवादसूत्र। एक्सप्रेस-वे पर टूरिस्ट बस और ट्रक भिड़ंत की तेज आवाज आसपास क्षेत्र में दूर तक सुनाई दी। इसी के साथ ही हर कोई अनहोनी के डर से थर्रा गया। लोग दौड़े और घटना स्थल पर पहुंचे तो शवों और लोगों की चीत्कार से दिल दहल गए। घायलों की सहायता शुरू की, लेकिन हालात देख उनके भी हाथ-पांव फूल रहे थे।

loksabha election banner

हादसा स्थल पर सबसे पहले पहुंचने वाले पुलिसकर्मियों की संख्या कम थी। बस के सभी यात्री घायल थे। सभी बस के अंदर बुरी तरह फंसे हुए थे। उनको निकालना आसान नहीं था। कुछ देर बाद बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी पहुंचे। कुछ घायलों को आसानी से निकाल लिया गया। फंसे यात्रियों को कटर से बस की बॉडी काटकर निकाला गया। चालक का शव बुरी तरह छत विक्षत हो चुका था। बमुश्किल पुलिसकर्मी शव को निकाल सके।

घटना के बाद ट्रक का चालक फरार हो गया था। वह दूर से अपने ट्रक की निगरानी कर रहा था। संदेह होने पर पुलिस ने हिरासत में ले लिया। चालक ने अपना नाम रवेंद्र निवासी गांव उदैया मुरैना भिड बताया है। चालक ने बताया कि वह ट्रक को कम स्पीड पर लेकर जा रहा था। तभी ट्रक में धमाके के साथ जोरदार धक्का लगा। स्टेयरिग से टकराकर उसके भी चोट आई है। ट्रक रुकने पर बाहर निकल कर देखा तो बस ट्रक के अंदर घुसी थी। लोग चीख रहे थे। यह देख वह भयभीत हो गया। अनियंत्रित गति बन रही हादसों की वजह

एक्सप्रेस-वे पर सुरक्षित यातायात के पूरे प्रबंध हैं। इसके बावजूद आए दिन हादसों से लोगों की चिता बढ़ने लगी है। अब तक हुए हादसों में घटना की मुख्य वजह अनियंत्रित गति होने की बात सामने आई है। एक्सप्रेस-वे बन-वे ट्रैफिक है। सामने से वाहन नहीं आते हैं। साइडों से भी एक्सप्रेस-वे को बेरीकेडिग से सुरक्षित कर दिया गया है। इसलिए लोग वाहनों रफ्तार से वाहन चलाते हैं, जो हादसों की वजह बनती है। दो महीने में 13 लोगों की गई जान

एक्सप्रेस-वे आगरा से लखनऊ तक बना है। करहल क्षेत्र से होकर गुजरता है। पिछले दो माह के अंदर ही सिर्फ करहल क्षेत्र में हुए हादसों में 13 लोगों की जान जा चुकी है। दो माह पहले अनियंत्रित बस हादसे का शिकार हो गई। जिसमें मां-बेटी सहित चार लोगों की जिदा जलकर मौत हो गई थी। एक माह पहले तेज गति से जा रहा ट्रक असंतुलित होकर एक्सप्रेस-वे से नीचे जा गिरा था। जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी। शनिवार की रात सात लोगों की मौत के बाद ये आंकड़ा 13 तक पहुंच गया है। जर्मन के दो नागरिक भी हुए घायल

जर्मन निवासी जोशे मीगुल व मार्गरीटा भारत भ्रमण का बीजा लेकर सात फरवरी को हिदुस्तान आए थे। देश के विभिन्न भागों में भ्रमण करने के बाद वह बनारस व सारनाथ देखना चाहते थे। इसलिए वे दोनों भी इसी बस में सवार थे। घटना में दोनों को गंभीर चोटें आई है। दोनों के मुताबिक हादसा भयानक था फिर भी ऊपर वाले ने उन्हें बचा लिया। ये हुए घायल

अरुणा, राघव, अपूर्वा, विशाल कुमार, अरुण कुमार, राकेश, सूर्या, साक्षी, प्रकाश, सूरज गुप्ता, सतीश, हरी श्रीवास्वत, कशिश, नीरज श्रीवास्वत, हेमा, शामली, सचिन, अनन्या, अहान, शोभित, श्याम सुंदर, कशिश, हनी, समीर, अर्पणा, सतेंद्र, मुकेश सिसोधिया, अरुण दुबे, अवनीश, शुभम, आदर्श, श्रेया, प्रगति, नागेश रोशन, निशांत, यतीश व अन्य लोग घायल हुए है। अखिलेश ने पूछा घायलों का हाल

हादसे की जानकारी मिलने पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव सैफई पहुंचे। उन्होंने घायलों से बातचीत कर उनका हाल जाना। घायलों का इलाज कर रहे चिकित्सकों से बातचीत की। धमाका सुन हो गया अचेत

हादसे में घायल मुकेश सिसोदिया ने बताया कि घटना के समय सभी यात्री सो रहे थे। वह भी सो रहा था। टक्कर लगते ही वह जाग गया। तेज धमाके के बाद बस में अंधेरा हो गया। इसी बीच वह भी अचेत हो गया। होश आया तो पुलिसकर्मी उसे बस से बाहर निकाल रहे थे। सामान की पहचान कराती रही पुलिस

घटना के बाद बस में तमाम मोबाइल फोन, लैपटॉप व अन्य सामान पड़ा हुआ था। जिसे पुलिस ने कब्जे में ले लिया। इलाज कराने के बाद कुछ यात्री अपना सामान लेने थाना पहुंचे तो पुलिस की समस्या बढ़ गई। पुलिस के लिए यह जानना मुश्किल था, कि कौन सा सामान किसका है। पुलिस को दिन भर सामान की पहचान करानी पड़ी। बस मालिक ने बंद किया मोबाइल

यात्रियों को टिकट लेते समय एक मोबाइल नंबर दिया था। टिकट देने वाले ने बताया था कि अगर यात्रा में कोई असुविधा हो तो इस नंबर पर सूचना दें। ये नंबर बस मालिक का है। हादसे के बाद यात्रियों ने उस नंबर पर फोन किया तो मोबाइल बंद मिला। पुलिस कर्मी भी नंबर लगाते रहे, लेकिन बात नहीं हो सकी। पोस्टमार्टम हाउस पर मचा रहा चीत्कार

हादसे की जानकारी पुलिस ने मृतकों के परिजनों को दी। दोपहर बाद मृतकों के परिजन पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचना शुरू हो गए। उनका रो-रोकर बुरा हाल था। परिजनों के साथ आए रिश्तेदार उन्हें हौसला देने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन किसी के आंसू थम नहीं रहे थे। अब कौन बनवाएगा डिग्री कॉलेज

हादसे में मृत शशांक यादव निवासी रायबरेली मोदी नगर में एसआर यूनीवर्सिटी में प्रोफेसर थे। वे अपने गांव में डिग्री कॉलेज बनाना चाहते थे, ताकि उनके क्षेत्र के छात्रों को उच्च शिक्षा मिल सके। इसीलिए विद्यालय निर्माण के लिए वे रायबरेली जा रहे थे। उनका शव देखकर परिजनों का बुरा हाल था। बार-बार यहीं कह रहे थे कि अब क्षेत्र के छात्रों को उच्च शिक्षा दिलाने के लिए डिग्री कॉलेज कौन बनवाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.